जुबली न्यूज़ डेस्क
अयोध्या के बहुचर्चित अतुल खरे हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है। दरअसल डॉक्टर अरविन्द खरे के बड़े भाई अतुल खरे के हत्यारों की पहचान कर ली गई है। मृतक अतुल खरे के हत्यारे उनके ही पड़ोसी हैं। हत्यारों की पहचान आदित्य सैनी उर्फ़ शानू (मुख्य आरोपी) व उसके दोस्त मिथिलेश (मुख्य आरोपी), राहुल, रामाजी के तौर पर हुई है।
साजिश के तहत किया गया क़त्ल
बता दें कि अतुल खरे का क़त्ल पूरी सोची-समझी साजिश के तहत किया गया। शानू ने उन्हें अपने घर बुलाया और फिर वहां पहले से उसके तीन दोस्त मौजूद थे। उन्होंने ढेर सारी शराब पी रखी थी। और फिर जब मृतक को वहां का माहौल ठीक नहीं लगा तो उन्होंने वहां से जाने की कोशिश की। लेकिन उतने में ही चारों लोगों ने उन्हें घेर लिया और शराब की बोतल से सिर पर वार कर दिया। इसके बाद जब मृतक अतुल ने खुद को बचाना चाहा तो हत्यारों ने चाक़ू से उनका गला काटा और उनके खून से लथपत शरीर में आटा डाल दिया। जिससे कि उनका खून सूख जाए। बता दें कि हत्यारों को फिर भी संतोष नहीं मिला तो रातोंरात उनका शव जला दिया।
जमीन पर जबरदस्ती कब्ज़ा चाहता था शानू
शानू सैनी की मां सरला मृतक अतुल खरे की बेटियों को सैंट मेरी स्कूल में पढ़ाती थी। हत्यारे शानू ने अपनी मां को हत्या की जानकारी दी थी। बता दें कि शानू की हमेशा से मृतक अतुल खरे की प्रॉपर्टी पर नजर थी। वह गुंडागर्दी से उनकी जमीन हड़पना चाहता था। जबकि अतुल खरे के पास जमीन के पूरे कागजात थे। दिल्ली दरवाजा में मृतक अतुल खरे का खुद का मंदिर और उनके दादा-बाबा की ढेरों जमीन थी। जिसपर कई लोगों की निगाह थी। उन्हीं में से एक था शानू सैनी। वह हमेशा उन्हें नेतागिरी का रौब दिखाता है। कई बार पहले भी शानू उन्हें धमकी दे चुका था।
परिवारीजनों ने मांगी फांसी की सजा
बता दें कि मृतक अतुल खरे की पांच बेटियां और दो बेटे हैं। वे लोग लखनऊ में रहते हैं। जबकि मृतक अतुल खरे अपने दिल्ली दरवाजा सीमेंट कोठी के पीछे स्थित पुश्तैनी घर में निवास करते थे। परिवारीजनों ने साफतौर पर कहा है कि हमें कोई मुआवजा कुछ नहीं चाहिए। लेकिन मेरे पिता व मेरी मां के पति की हत्या करने वालों को क़ानून सख्त से सख्त सजा दे। उन्हें फांसी हो।
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