Tuesday - 29 October 2024 - 12:27 PM

आदित्य ने BCCI को लिखा पत्र, कहा-बिहार क्रिकेट को बचा लो

स्पेशल डेस्क

पटना। बिहार क्रिकेट को दोबारा पटरी पर लाने के लिए आदित्य वर्मा लगातार संघर्ष कर रहे हैं। इस सिलसिले में उन्होंने कई बीसीसीआई से बात भी की और बिहार में क्रिकेट को न्याय दिलाने के लिए उन्होंने अपनी लड़ाई और तेज कर दी है। इससे पहले आदित्य वर्मा ने बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण ठाकुर से मुलाकात की थी और बिहार क्रिकेट को लेकर लम्बी चर्चा भी हुई थी। हालांकि अब लॉकडाउन लगा हुआ है इसलिए आदित्य वर्मा बीसीसीआई को पत्र लिखकर बिहार क्रिकेट को बचाने की गुहार लगा रहे हैं।

उन्होंने शुक्रवार को एक और पत्र बीसीसीआई को लिखा है और कहा है कि जैसा कि बिहार क्रिकेट संघ के अधिकारियों के बीच आज जो अहम की लड़ाई चल रही है उससे आप सभी सम्मानित लोग भली भाँति जानते है इस लड़ाई मे अध्यक्ष सही है या सचिव सही है मै इस बात पर जाना नही चाहता हूं ,लेकिन अफसोस यह है कि दोनो के बीच जारी अहम की लड़ाई मे बिहार क्रिकेट पुन: एक बार अपने पुराने दौर मे जो राज्य विभाजन के पश्चात झेला था उसी दौर मे जाता दिख रहा है ।

पत्र में आगे उन्होंने कहा है कि मैं बीसीसीआई के तमाम पदाधिकारियों से अपील कर रहा हूं कि जल्द से जल्द बिहार क्रिकेट के अंदर चल रहे विवाद को दूर करने के लिए पहल करें क्योंकि यह राज्य के खिलाडिय़ों के हित से जुड़ा है पहले भी 15 सालों तक बिहार के क्रिकेटरों को बीसीसीआई के द्वारा प्रायोजित मैच खेलने का मौका नहीं मिला था, इसलिए बीसीसीआई अविलम्ब अपने किसी अधिकारी को भेज कर दोनों गुट बीसीए के लोगों से मिलकर जानकारी ले कर जांच शुरू कर विवाद को निपटाने की कोशिश करे।

सीएबी हर परिस्थिति मे बिहार क्रिकेट को बचाने के लिए बीसीसीआई को सहयोग करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि बिहार एक पवित्र भूमी है देश का तीसरा बड़ा राज्य है इसलिए बीसीसीआई को बिहार राज्य के बच्चों के साथ भेद भाव नही करना चाहिए। यह भी कटु सत्य है कि बिहार क्रिकेट संघ का पैसा भी बीसीसीआई ने रोक कर रखा है अध्यक्ष सौरभ गॉगुली जी बिहार को आपने 1 दिसम्बर को संपन्न बीसीसीआई के एजीएम मे अपने हाथो मे लिया है। 6 माह बीत जाने के बाद भी आपकी चुप्पी आश्चर्यजनक है। बिहार क्रिकेट फिट रहेगा तो तो बीसीसीआई भी हिट रहेगा।

पूरी विश्व क्रिकेट जगत ने देखा है कि बेवजह बिहार क्रिकेट संघ को राज्य विभाजन के पश्चात कचड़ा के डब्बे मे फेंक दिया गया था । बिहार के क्रिकेटरों का आह का क्या परिणाम हुआ था बीसीसीआई के तत्कालिन पदाधिकारियों ने भुगत लिया था।

अंत मे फिर से आग्रह करता हूं कि बीसीए के आपसी विवाद के निपटारे तक बीसीसीआई बिहार क्रिकेट के सफल संचालन के लिए बीसीसीआई ऐडहोक कमिटी बना कर क्रिकेट खिलाडिय़ों के हित का ध्यान दे। कल भी बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण ठाकुर से बीसीए के वर्तमान स्वरूप पर चर्चा हुई उन्होने विश्वास दिलाया कि बिहार क्रिकेट का बुरा नही होगा जल्द हि बीसीसीआई कानून सम्मत जो भी उचित निर्णय होगा लिया जाएगा ।

Radio_Prabhat
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