Friday - 25 October 2024 - 10:13 PM

सुप्रीम कोर्ट में मोदी सरकार ने कहा- अवसाद के वजह से मजदूर पैदल जा रहे हैं घर

न्‍यूज डेस्‍क

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण देश में पिछले 65 दिनों से लॉकडाउन है। बंद के कारण से देश के कोने-कोने में रह रहे प्रवासी मजदूरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। देश के विभिन्न भागों में फंसे प्रवासी मजदूरों की दयनीय हालत और उनकी समस्या पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जहां केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए Solicitor General तुषार मेहता ने बताया कि अभी तक 91 लाख प्रवासियों को उनके घर भेजा जा चुका है। इनमें से 80 प्रतिशत के करीब बिहार और उत्तर प्रदेश के हैं।

बता दें कि ने सुप्रीम कोर्ट बीते मंगलवार को स्वत: संज्ञान लिया था। जस्टिस अशोक भूषण, संजय किशन कौल और एमआर शाह ने केन्द्र, राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को नोटिस भेजते हुए 28 मई तक जवाब देने के लिए कहा था। कोर्ट ने पूछा था कि उनकी स्थिति में सुधार के लिए आखिर क्या कदम उठाए गए हैं।

ये भी पढ़े: कोरोना संकट के बीच कांग्रेस का मोदी सरकार पर ट्रिपल अटैक

ये भी पढ़े: क्या भविष्य में भी मजदूरों के हितों को लेकर राजनेता सक्रिय रहेंगे?

इस मामले पर आज सुनवाई जारी है। अदालत ने कहा है कि अभी तक के प्रयास पर्याप्त नहीं हैं। प्रवासी मजदूरों के लिए ये कठिन दौर है और इस स्थिति से उबारने के लिए प्रभावकारी ठोस कदम उठाने की जरूरत है। आज की सुनवाई में शीर्ष अदालत ने कहा कि सरकार ये कैसे सुनिश्चित करेगी कि कोई भी प्रवासी मजदूर से जाने के पैसे नहीं मांगेगा। केंद्र ने साथ ही कहा कि जो मजदूर पैदल जा रहे हैं वे अवसाद से ऐसा कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि प्रवासी मजदूरों को टिकट कौन दे रहा है, उसका भुगतान कौन कर रहा है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टिकट के पेमेंट के बारे में कंफ्यूजन है और इसी कारण मिडिल मैन ने पूरी तरह से शोषण किया है। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि ऐसी घटनाएं हुई है कि राज्य ने प्रवासी मजदूरों को प्रवेश से रोका है। तब सॉलिसिटर ने कहा राज्य सरकार लेने को तैयार है। कोई भी राज्य प्रवासी के प्रवेश रोक नहीं सकता। वह भारत के नागरिक हैं।

ये भी पढ़े: मोदी सरकार 2.0 की सालगिरह : UP में वर्चुअल रैली के जरिए बीजेपी गिनायेगी काम

ये भी पढ़े: सास-बहू में हुआ विवाद, तो बेटे ने प्रेग्नेंट बीवी की कर दी पिटाई…

तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी 3700 ट्रेने प्रवासी मजदूरों के लिए चला रखीं है, अभी तक 50 लाख प्रवासी मजदूर अपने गांव जा चुके हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पड़ोसी राज्यों के सहयोग से 40 लाख को सड़क से शिफ्ट किया गया है। मेहता ने कहा कि एक मई से लेकर 27 मई तक कुल 91 लाख प्रवासी मजदूर शिफ्ट किए गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि जब पहचान सुनिश्चित हो जाती है कि प्रावसी मजदूर हैं तो उन्हें भेजने में कितना वक्त लगता है। उन्हें हफ्ते 10 दिन में भेजा जाना चाहिए। इसपर केंद्र के वकील ने कहा कि अभी तक एक करोड़ से ऊपर प्रवासी मजदूर भेजे जा चुके हैं।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com