न्यूज डेस्क
गुजरात उच्च न्यायालय ने अहमदाबाद सिविल अस्पताल में कुप्रबंधन को लेकर राज्य सरकार से सख्ती से पेश आया है। अदालत ने राज्य सरकार को अस्पताल के प्रबंधन को लेकर क्लीन चिट देने से इनकार कर दिया है।
अदालत ने कहा है कि अहमदाबाद सिविल अस्पताल में कामकाज में समन्वय की कमी है जहां अब तक कोरोना संक्रमण के करीब 400 मरीजों की मौत हो चुकी है।
न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला और न्यायमूर्ति आई जे वोरा की खंडपीठ ने 26 मई को कहा कि अस्पताल के प्रशासन और कामकाज पर नजर रखने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य मंत्री की है।
इससे पहले अदालत ने शनिवार को कहा था कि अहमदाबाद सिविल अस्पताल की हालत दयनीय और ‘कालकोठरी’ जैसी है।
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सोमवार को सरकार ने एक तत्काल अर्जी दाखिल करके शनिवार के आदेश में की गयी कुछ टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण मांगे जिसके बाद अदालत ने रुख नरम कर लिया।
सरकार ने अदालत द्वारा उद्धृत कुछ अनाम पत्रों का जिक्र करते हुए अपने आवेदन में कहा, ”मई 2020 के पहले सप्ताह से संबंधित पत्रों के बाद से परिदृश्य पूरी तरह बदल गया है।”
दोनों न्यायाधीशों ने कहा कि उन्होंने अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में कामकाज के संबंध में सभी विवादों को समाप्त करने के लिए अस्पताल का औचक दौरा किया था।
अदालत ने कहा, ”राज्य सरकार इस बात पर गर्व करती है कि अहमदाबाद का सिविल अस्पताल एशिया का सबसे बड़ा अस्पताल है, लेकिन उसे अब इसे एशिया के सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में शामिल करने के लिए बहुत मेहनत करनी चाहिए।”
अदालत के आगे कहा, ”हम एक बार फिर दोहराते हैं कि उचित टीम वर्क और समन्वय की कमी है। अगर उचित समन्वय के साथ सामूहिक तरीके से कामकाज होगा तो हमें विश्वास है कि सिविल अस्पताल में हालात जरूर सुधरेंगे।”
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उसने कहा, ”सिविल अस्पताल के कामकाज तथा प्रशासन पर करीबी नजर रखना स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी है। हमें आश्वासन दिया गया है कि राज्य सरकार वहां के हालात सुधारने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देगी।”
अदालत ने कहा कि रेसिडेंट डॉक्टर के अज्ञात पत्र में कई महत्वपूर्ण बातें थीं। उसने इसके विभिन्न पहलुओं को देखने की जिम्मेदारी एक स्वतंत्र समिति को दी।
पत्र में कहा गया था कि अस्पताल में कुप्रबंधन तथा अनियमितताएं हैं जिससे डॉक्टर कोरोना वायरस के बड़े वाहक बन सकते हैं और जो लोग कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हैं उनके जीवन को खतरे में डाल सकते हैं। राज्य सरकार ने कहा कि उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल अस्पताल का पांच बार दौरा कर चुके हैं और प्रधान सचिव जयंती रवि वहां दो महीने में बीस बार जा चुकी हैं।