न्यूज डेस्क
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का कोरोनावायरस के इलाज के लिए ट्रायल करने पर रोक लगा दी है।
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस ऐडहेनॉम गेब्रीयेसोस ने बताया कि लैंसेट में छपी एक स्टडी के बाद यह फैसला लिया गया है, जिसमें इस ओर इशारा किया गया था कि COVID-19 के मरीजों पर इस दवा का इस्तेमाल उनकी मौत की आशंका को बढ़ा देता है।
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टेड्रोस ने बताया कि ‘सॉलिडैरिटी ट्रायल’ के कार्यकारी समूह ने ऐहतियात के तौर पर इस दवा का इस्तेमाल करने वाले ट्रायल्स को सस्पेंड कर दिया है। WHO समर्थित ‘सॉलिडैरिटी ट्रायल’ के तहत कई देशों के सैकड़ों अस्पतालों ने नोवेल कोरोनो वायरस के कई संभावित इलाजों का परीक्षण करने के लिए मरीजों को ऐनरॉल किया है।
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बता दें कि कोरोना संकट के दौरान हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दुनियाभर में काफी चर्चा में रही है। पिछले दिनों अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वह कोरोना वायरस से बचने के लिए ‘हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन’ ले रहे हैं। उन्होंने कहा था कि मैं रोज एक गोली लेता हूं। कुछ समय बाद मैं इसे लेना बंद कर दूंगा। मैं चाहता हूं कि इसका इलाज मिले या इसका टीका बने और यह एक दिन जरूर होगा।
वहीं, ICMR भी कोरोनावायरस संक्रमित रोगियों के उपचार में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के प्रयोग की अपनी सिफारिशों की समीक्षा करने पर विचार कर रहा है। ऐसा दवा की प्रभावी क्षमता को लेकर उठ रहे संदेहों के बाद किया जा रहा है।
बता दें कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का भारत में उत्पादन बड़ी मात्रा में होता है। यह दवा मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी में काम आती है।मलेरिया के साथ इन दवाओं का प्रयोग आर्थराइटिस में भी किया जाता है।