Friday - 8 November 2024 - 11:41 AM

ये हैं श्रमिक ट्रेनों का हाल : न खाना है न पानी है और अव्यवस्थाओं का बोलबाला

  • ट्रेनें काफी देर से चल रही है
  • रास्ते में मजदूरों को उठानी पड़ रही है परेशानी
  • डिब्बों में गंदगी है बोलबाला

स्पेशल डेस्क

कोरोना और लॉकडाउन ने देश के प्रवासी मजदूरों का बुरा हाल कर दिया है। सरकार इनकी परेशानी को हल करने का दावा कर रही है लेकिन हकीकत कुछ और ही है। प्रवासी मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेन चलायी जा रही है लेकिन इस ट्रेन का हाल सरकार ने शायद ही जानने की कोशिश की हो।

हालांकि रेल मंत्रालया आज शाम चार बजे इसको लेकर प्रेस वार्ता करेंगा। बताया जा रहा है कि प्रशासनिक अव्यवस्थाओं के चलते शारीरिक दूरी के नियमों का पालन नहीं किया गया है। नियमों की ओर किसी का कोई ध्यान नहीं है।

श्रमिक ट्रेनों में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। इतना ही नहीं ट्रेनें देरी से चल रही है और रास्ते में इन मजदूरों को खाना तक नहीं दिया जा रहा है। खबर तो यहां तक आ रही है इन ट्रेनों से आ रहे प्रवासी मजदूरों को पानी और खाने के लिए लूटमार करनी पड़ रही है।

यह भी पढ़ें :  सियासत की बस पर सवार राजनेताओं की रार

यह भी पढ़ें :  हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्विन के खतरनाक होने के दावे के बावजूद भारत में धड़ल्ले से इस्तेमाल

यह भी पढ़ें : मीडिया से दूर डिम्पल यादव घरवापसी करते मजदूरों को खाना खिला रही हैं

कोरोना काल में सफाई की बात की जा रही है लेकिन श्रमिक ट्रेनों में सफाई नाम की कोई चीज नहीं है। डिब्बों में गंदगी फैली हुई है और श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का हाल इतना बुरा हो चुका है कि ट्रेनों में खाना जो भी दिया जा रहा है वो बासी है। शौचालय में पानी तक नहीं है। इस वजह से मजदूरों में काफी गुस्सा है।

आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से श्रमिक ट्रेनों में बैठकर आए मजदूरों ने अपना गुस्सा जाहिर किया है। प्रवासी मजदूर श्रमिक ट्रेनों में बैठकर अपने पूर्वी यूपी और बिहार अपने घर लौट रहे हैं लेकिन इन ट्रेनों ने इनका और परेशानी में डाल दिया है। प्रवासी मजदूर श्रमिकों का कहना है कि उनकी ट्रेन को दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन के आउटर सिंग्नल पर 10 घंटे तक रोका जा रहा है। इस वजह से लोगों में काफी गुस्सा है।

गुस्साए मजदूरों ने बिहार के सीएम के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की और उनके खिलाफ नारेबाजी की है। एक मजदूर का कहना है उनकी ट्रेन रात 11 बजे आ गई थी लेकिन दस घंटे हो गए अभी तक चली नहीं है।

एनडीटीवी की खबर के अनुसार एक यात्री ने धीरेन राय ने बताया कि उनसे इस ट्रेन के लिए 1500 रुपये भी वसूले गए हैं। ऐसा ही कुछ हाल महाराष्ट्र के पनवेल से जौनपुर आ रही ट्रेन का हाल है। इस ट्रेन को बनारस में दस घंटे से रोक दिया गया है। मजदूरों का कहना है सफर में एक बार खाना महाराष्ट्र में मिला उसके बाद यूपी में कुछ नहीं मिला। इतना ही नहीं कई जगहों पर बासी खाना या फिर खराब खाना दिया जा रहा है।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com