- पत्रकार जमाल खशोगी की सऊदी कंसुलेट के भीतर किया गया था कत्ल
- सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान तक पर खगोसी की हत्या के लिए उठी थी उंगली
न्यूज डेस्क
सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खगोसी के परिवार ने उनके कातिलों को रमजान के पवित्र महीने में माफ कर दिया है। पत्रकार के बेटे ने ट्वीट कर यह जानकारी दी।
अमेरिका में रहने वाले सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खशोगी की दो अक्टूबर 2018 को इस्तांबुल में सऊदी अरब के कंसुलेट में हत्या कर दी गई थी।
वॉशिंगटन पोस्ट के मृतक सऊदी पत्रकार की हत्या को लेकर सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान तक पर उंगली उठी थी।
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60 साल के खगोशी शादी के लिए जरूरी कुछ कागज लेने के लिए कंसुलेट के भीतर दाखिल हुए, लेकिन बाहर कभी नहीं लौटे।
खगोशी की हत्या के बारे में सबसे पहले तुर्की की मीडिया ने जानकारी दी थी। मृतक पत्रकार के बेटे सलाह ने एक ट्वीट में लिखा कि परिवार ने कातिलों को माफ कर दिया है।
उन्होंने ट्वीट में लिखा, “रमजान के पवित्र महीने की इस पवित्र रात में हम अल्लाह के उस कहे को याद करते हैं कि अगर कोई व्यक्ति क्षमा करता है और सुलह कर लेता है, तो उसका इनाम अल्लाह की तरफ से देय है।”
उन्होंने आगे लिखा है, “इसलिए हम शहीद जमाल खशोगी के बेटे ऐलान करते हैं कि हमने अपने पिता के कातिलों को माफ कर दिया है, खुदा से इनाम की चाह रखते हैं।”
खगोशी के परिवार की तरफ से क्षमा कर देने की घोषणा के बाद उनकी हत्या के पांच बेनाम दोषियों की जिंदगी बच जाएगी जिन्हें सऊदी की अदालत ने हत्या के मामले में मौत की सजा दी थी। प्रिंस सलमान के दो शीर्ष सलाहकार को दोषमुक्त कर दिया था।
फिलहाल सलाह की घोषणा पर सऊदी अधिकारियों नेकोई टिप्पणी नहीं की है। सलाह सऊदी अरब में ही रहते हैं और उन्होंने सरकार के साथ वित्तीय समझौते की रिपोर्ट्स से इनकार किया है।
सऊदी के लेखक और सरकार के करीबी अली शिहाबी ने ट्विटर पर लिखा, “इसका मतलब है कि हत्यारे मौत की सजा से बच जाएंगे, क्योंकि शरिया कानून के मुताबिक परिवार माफ कर सकता है। सरकार की तरफ से अन्य कानूनी प्रक्रियाएं जारी रहेंगी।”
एक और जानकार नबील नोवैराह ने भी कहा कि परिवार की घोषणा के बाद “हत्यारों को मृत्युदंड नहीं होगी।”
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पत्रकार खशोगी को आखिरी बार इंस्ताबुल में सऊदी अरब के कंसुलेट में देखा गया था। उनका शव अब तक नहीं मिल पाया है। ऐसा भी आरोप लगा कि कंसुलेट में ही खगोशी के शव को नष्ट कर दिया गया, इसीलिए उसके अवशेष भी अब तक नहीं मिले।
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पूरी दुनिया में खशोगी की हत्या की निंदा हुई थी। प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की छवि पर भी इसका असर हुआ। कुछ पश्चिमी देशों के साथ-साथ सीआईए का मानना है कि प्रिंस सलमान ने ही हत्या का आदेश दिया था।
दरअसल जमाल खशोगी निर्वासन में अमेरिका में रह रहे थे। वह सऊदी अरब की राजशाही के आलोचक थे। सऊदी अधिकारी कहते आए हैं कि प्रिंस सलमान की हत्या में कोई भूमिक नहीं है।
इन आरोपों के बीच सितंबर 2019 में प्रिंस सलमान ने इशारों में कहा था कि “यह उनकी देखरेख में हुआ।”
पिछले साल दिसंबर में सऊदी अरब की एक अदालत ने पांच लोगों को मौत की सजा सुनाई थी और तीन अन्य दोषियों को कैद की सजा दी थी। राजधानी रियाध में आरोपियों पर बड़े ही गोपनीय तरीके से मुकदमा चला और उन्हें सजा दे दी गई थी। सुनवाई की संयुक्त राष्ट्र और अधिकार समूहों ने कड़ी निंदा भी की थी।
संयुक्त राष्ट्र की तरफ से नियुक्त एक स्वतंत्र मानवाधिकार जांचकर्ता एग्नेस कैलामार्ड ने इस सुनवाई को मजाक बताते हुए कहा था कि इससे हत्या के मास्टरमाइंड का पता नहीं चलता या फिर उनके बारे में, जिन्होंने हत्या के लिए उकसाया था। हालांकि, सलाह खशोगी ने दिसंबर के फैसले के बारे में कहा था कि, “यह हमारे लिए उचित है और हमें न्याय मिला है।”
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