- यह पहली बार है जब चीन ने जीडीपी का कोई लक्ष्य तय नहीं किया
- 2019 की तुलना में बढ़ गया है चीन का बजट घाटा
न्यूज डेस्क
कोविड 19 महामारी का असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ी है। दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था वाले देश अमेरिका और चीन भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कोरोना महामारी की मार ही है कि चीन पहली बार ये कदम उठाने जा रहा है। इस साल चीन आर्थिक वृद्धि दर का लक्ष्य तय नहीं करेगा।
शुक्रवार की सुबह चीन की वार्षिक संसदीय बैठक नेशनल पीप्लस कांग्रेस में करीब तीन हजार हजार प्रतिनिधि शामिल हुए। एनपीसी की बैठक में ही बजट को मंज़ूरी दी जाती है और साथ में अर्थव्यवस्था की वृद्धि का लक्ष्य भी तय किया जाता है, लेकिन इस बार चीन ने घोषणा की है कि वो आर्थिक वृद्धि दर का कोई लक्ष्य तय नहीं करेगा।
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चीन के प्रधानमंत्री ली केचियांग ने कहा है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारा देश कुछ चीजों से बुरी तरह जूझ रहा है और ऐसे अनिश्चितता भरे समय में प्रगति का अनुमान लगाना मुश्किल है।
उन्होंने कहा कि यह अनिश्चितता कोविड 19 के कारण है क्योंकि इससे दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हुई हैं और कारोबार पर भी बुरा असर पड़ा है।
2019 की तुलना में चीन का बजट घाटा भी बढ़ गया है। 1990 से चीन ने आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य को प्रकाशित करना शुरू किया था और तब से यह लगातार जारी था। यह पहली बार है जब चीन ने जीडीपी का कोई लक्ष्य तय नहीं किया है।
प्रधानमंत्री ली केचियांग ने कहा कि कोविड 19 को नियंत्रित करने के लिए सरकार एक ट्रिलियन युआन और देगी। पीएम ने यह भी कहा कि चीन अमरीका के साथ ट्रेड डील पर बात करेगा, जो कि कोरोना वायरस की महामारी के कारण अधर में लटक गया था। ताइवान को लेकर केचियांग ने कहा कि चीन अपनी संप्रभुता को लेकर अडिग है।
कोविड 19 की वजह से चीन पहले से ही दुनिया के कई देशों के निशाने पर है। अमेरिका तो कोविड 19 महामारी के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराता आ रहा है। कोविड 19 कहां से आया है पूरी दुनिया जानना चाहती है। अब तो इसको लेकर जांच भी होने जा रही है। चीन भी जांच के लिए तैयार हो गया है।
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