- अमेरिकी राष्ट्रपति ने डब्ल्यूएचओ को दी चेतावनी
- ट्रंप ने आस्ट्रेलिया के प्रस्ताव को दिया समर्थन
न्यूज डेस्क
डब्ल्यूएच की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी आस्ट्रेलिया के उस प्रस्ताव का पुरजोर समर्थन किया, जिसमें कोरोना महामारी के प्रसार में डब्ल्यूएचओ की भूमिका की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की गई है। फिलहाल कोरोना महामारी के प्रसार में डब्ल्यूएच की भूमिका की जांच होगी। जांच के लिए डब्ल्यूएचओर भी तैयार हो गया है।
कोरोना महामारी से निपटने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को विश्व स्तर पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य सभा के 73वें सत्र में अफ्रीकी समूह के राष्ट्रों ने भी उस मसौदा प्रस्ताव को समर्थन दिया, जो कोरोना वायरस के प्रसार की वैश्विक जांच चाहता है।
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ऑस्ट्रेलिया पहला मुल्क है, जिसने पिछले महीने कोरोना वायरस की शुरुआत कैसे हुई, इसकी स्वतंत्र जांच करने के लिए कहा था। हालांकि, इस प्रस्ताव में चीन या वुहान शहर का उल्लेख नहीं किया गया है, जहां प्रकोप शुरू हुआ माना जाता है।
फिलहाल दुनिया का 120 देशों ने कोरोना फैलने की जांच का समर्थन किया है। इसमें भारत भी शामिल है। इससे पहले भारत सहित कुल 62 देशों ने ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ द्वारा संयुक्त प्रयास का समर्थन किया।
विश्व स्वास्थ्य सभा के 73वें सत्र में उठी मांग
अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक मीडिया रिपोर्ट को री-ट्वीट करते हुए लिखा है कि इस मांग में ‘हम उनके साथ हैं।’ इस मीडिया रिपोर्ट में कोरोना महामारी की जांच के लिए ऑस्ट्रेलिया की मांग का दुनिया के कई मुल्कों ने अपना समर्थन दिया है।
गौरतलब है कि 73वें विश्व स्वास्थ्य सभा के लिए प्रस्तावित मसौदा प्रस्ताव में कोरोना महामारी की डब्ल्यूएचओ की भूमिका की स्वतंत्र जांच का आह्वान किया गया है।
कोविड 19 का स्रोत क्या है और यह कहां से आया है इसको लेकर लगातार मांग उठ रही है। यह पूरी दुनिया जानना चाहती है। अमेरिका भी इसकी मांग कर चुका है। हालांकि अमेरिका की एजेंसी खुद इसकी जांच कर रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति तो कई बार सार्वजनिक मंच से चीन और डब्ल्यूएचओ को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा चुके हैं।
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अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि कोरोना वायरस के प्रसार के लिए चीन जिम्मेदार है। चीन ने कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारियों एवं तथ्यों को छिपाया है। इसके लिए वह उत्तरदायी है। चीन के इस कृत्य में डब्ल्यूएचओ ने भी अहम भूमिका थी। इसलिए डब्ल्यूएचओ को भी दोषी ठहराया गया था। राष्ट्रपति ट्रंप का मानना है कि अगर समय रहते डब्ल्यूएचओ ने दुनिया को सतर्क कर दिया होता को कोरोना वायरस की तबाही से बचा जा सकता था और इसके प्रसार को रोका जा सकता था।
ट्रंप की डब्ल्यूएचओ को चेतावनी
अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडहानोम ग़ेब्रेयेसुस को बड़े बदलाव करने की 30 दिनों की डेडलाइन दी है। ऐसा न करने की सूरत में ट्रंप ने चेतावनी देते हुए है कहा कि संगठन को दिया जाने वाला फंड स्थाई रूप से बंद कर दिया जाएगा।
अपने ट्वीट में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने टेड्रोस एडहानोम गेब्रेयेसुस को भेजी पूरी चिट्ठी ही शेयर की है। इस चिट्ठी में ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस बात को लेकर आलोचना की है कि उसने जरूरी कदम नहीं उठाये।
#BREAKING Trump threatens permanent freeze on WHO funding in 30 days pic.twitter.com/BHd60dfIFJ
— AFP news agency (@AFP) May 19, 2020
ट्रंप ने कहा है कि डब्ल्यूएचओ ने वुहान में पिछले साल दिसंबर में फैले इस वायरस से जुड़ी भरोसेमंद रिपोर्टों को लगातार नजरअंदाज किया। ट्रंप ने चीन की लगातार तारीफ करने के लिए भी डब्ल्यूएचओ की निंदा की है। ट्रंप ने ये भी कहा है कि डब्ल्यूएचओ के लिए आगे बढऩे का केवल यही तरीका है कि वो ‘खुद को चीन से स्वतंत्र दिखाए।
राष्ट्रपति का कहना है कि अगर डब्ल्यूएचओ ने बड़े सुधारों के प्रति प्रतिबद्धता नहीं दिखलाई तो संगठन को दिए जाने वाले फंड को स्थाई रूप से रोक दिया जाएगा और अमरीका डब्ल्यूएचओ का सदस्य बने रहने पर भी पुनर्विचार कर सकता है।
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