जुबली न्यूज़ डेस्क
कोरोना संकट और मजबूर मज़दूरों के पलायन पर धीरे-धीरे राजनीतिक दल और उनके नेताओं ने रोटियां सेंकना शुरू कर दिया है। ऐसे संकट के समय में भी नेता चोंच लड़ाने से बाज नहीं आ रहे। आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है।
बसपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दिल्ली में मजदूरों से मिलने को लेकर तंज कसते हुये कहा है कि कांग्रेसी नेता मजदूरों से मिलने के दौरान प्रवासी मजदूरों की आर्थिक मदद तथा उनके खाने की व्यवस्था कर देते तो उन्हें राहत मिल जाती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को उनके दु:ख दर्द को बांटने के साथ बसपा की तरह उनकी मदद भी करनी चाहिये थी। मजदूरों के साथ हो रही दुर्घटनाओं से कांग्रेस के नेताओं को भी सबक सीखना चाहिये। पंजाब व चण्डीगढ़ से बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार उत्तर प्रदेश के है। पंजाब सरकार की उपेक्षा की वजह से वे यमुना नदी के जरिये भी घर वापसी कर रहे हैं। उनके साथ कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है।
मायावती ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेसी नेता लोग दिल्ली में मजदूरों से मिलने के दौरान यदि प्रवासी मजदूरों की कुछ आर्थिक मदद व खाने आदि की व्यवस्था भी कर देते तो उन्हें थोड़ी राहत जरूर मिल जाती अर्थात कांग्रेस को उनके दुःख-दर्द को बांटने के साथ-साथ बीएसपी की तरह उनकी कुछ मदद भी जरूर करनी चाहिये। मायावती ने कहा कि ऐसे में बेहतर होगा कि कांग्रेस पार्टी अपनी 1,000 बसें यूपी भेजने के बजाए, उन्हें पहले पंजाब व चण्डीगढ़ ही भेज दें ताकि वे पीड़ित श्रमिकगण यमुना नदी में अपनी जान जोखिम में डालने के बजाए सड़क के जरिये सुरक्षित यूपी पहुँच सकें। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में प्रवासी मजदूरों की लगातार उपेक्षा हो रही है।
श्रमिकों के परिवारों को दुर्घटनाओं को शिकार होना पड़ रहा है। जिसमें कई लोगों की जाने चली गयी है। सुश्री मायावती ने ट्वीटकर कहा “जैसा कि विदित है कि बीजेपी-शासित राज्यों में भी प्रवासी मजदूरों की लगातार हो रही घोर उपेक्षा आदि के कारण काफी श्रमिकों के परिवारों को आयेदिन दुर्घटना का भी शिकार होना पड़ रहा है, जिसमें अभी तक इनकी काफी दर्दनाक मौतें भी हो चुकी हैं, जो अति-दुःखद हैं।