प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. विभिन्न प्रदेशों में फंसे मजदूरों को वापस लाने में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है. टीम-11 की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज फिर मजदूरों से अपील की कि वह जहाँ हैं वहीं रहें. सरकार उन्हें वापस लाने की बेहतर व्यवस्था करने में लगी है. मुख्यमंत्री ने निगरानी समितियों से भी कहा है कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में नज़र बनाएं. इसमें प्रधानों और सभासदों की भी मदद लें. जहां-जहां मजदूर हों उनके जिले का पता लगाएं और उनका मेडिकल कराकर उन्हें वापस भेजने का इंतजाम करें. यूपी सरकार ने विदेश मंत्रालय से भी अनुरोध किया है कि वह नेपाल जाने वालों की व्यवस्था करे. नेपाल के 2000 नागरिक अपने देश लौटना चाहते हैं.
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अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मजदूरों से कहा है कि वह अपने घरों को जाने के लिए किसी भी सूरत में पैदल सफर न करें. सरकार उन्हें सम्मानजनक तरीके से घर भिजवायेगी. उनके भोजन का इंतजाम भी करेगी. जो मजदूर और कामगार दूसरे प्रदेशों से वापस आ रहे हैं उनके लिए प्रदेश में ही रोज़गार का इंतजाम किया जा रहा है.
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सरकार यहां बीस लाख लोगों के रोज़गार की व्यवस्था कर रही है. वापस आने वालों का पंजीकरण भी किया जा रहा है. उनको तात्कालिक सहायता के रूप में एक हज़ार रुपया दिया जाएगा. अब तक 32 लाख लोगों को एक-एक हज़ार रुपये दिए जा चुके हैं. श्री अवस्थी ने बताया कि दूसरे प्रदेशों से मजदूरों को लेकर 22 ट्रेनें लखनऊ में और 28 ट्रेनें गोरखपुर पहुँच चुकी हैं.
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