जुबिली न्यूज ब्यूरो
मुम्बई. महाराष्ट्र में फंसे उत्तर भारतीय मजदूरों के घर वापसी का मामला गरमाता जा रहा है । मुंबई में रह रहे ये मजदूर अपने घरों को लौटने के लिए बेताब हैं । सरकार द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं को ले कर उनकी नाराजगी बढ़ती जा रही है ।
बीते कुछ सालों में महाराष्ट्र की राजनीति में भी ये उत्तर भारतीय बहुत महत्वपूर्ण हो गए हैं और मुंबई की तरक्की में भी इनका बड़ा योगदान है ।
मुम्बई बीजेपी के महामंत्री अमरजीत मिश्र ने महाराष्ट्र सरकार के सामने प्रवासी उत्तर भारतीयों का मुद्दा बड़ी शिद्दत के साथ उठाया है. मुम्बई की सड़कों पर अचानक जमा हो गए हज़ारों उत्तर भारतीय मजदूरों का मुद्दा पूरे देश में काफी दिनों तक चर्चा का विषय रहा था लेकिन मजदूर अचानक सड़क पर कैसे और क्यों आ गए इसकी चर्चा ही नहीं की गई.
अमरजीत मिश्र का कहना है कि महाराष्ट्र के विकास में उत्तर भारतीयों का बहुत बड़ा योगदान है. अपने घर से इतनी दूर आकर वह महाराष्ट्र के विकास में रात-दिन एक किये रहते हैं लेकिन कोरोना महामारी की वजह से जब उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है तब महाराष्ट्र सरकार न उन्हें दो वक्त का भोजन दे पा रही है और न ही उन्हें छत ही मुहैया करा पा रही है.
लॉक डाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए ट्रेनें चलाये जाने की अफवाह फैलने के बाद बांद्रा में बड़ी संख्या में मजदूरों के सड़क पर जमा हो जाने की घटना को भूल नहीं जा सकता है । अब भाजपा इसे राज्य सरकार की प्रशासनिक चूक बता रही है . इस मामले में अमरजीत मिश्रा ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाक़ात कर उनसे यह अनुरोध किया कि वह राज्य सरकार को यह निर्देश दें कि प्रवासी नागरिकों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित की जाए.
“महाराष्ट्र में विभिन्न प्रदेशों के लोग रहते हैं. इनमें बड़ी संख्या में श्रमिक और आर्थिक रूप से कमज़ोर लोग हैं. कोरोना महामारी ने गरीब तबके के सामने एक बड़ा आर्थिक संकट खड़ा कर दिया है. इन मेहनतकश लोगों किए लिए यह जीवन का सबसे मुश्किल समय है. ऐसे समय में भी अगर सरकार सहयोगात्मक कदम नहीं उठायेगी तो गरीब आदमी कैसे जियेगा”.— अमरजीत मिश्र
महाराष्ट्र सरकार के किसी भी मंत्री ने हिन्दी भाषी राज्यों के टैक्सी ड्राइवरों, वाचमैन और फेरी लगाकर ज़िन्दगी जीने वालों की कोई सुधि नहीं ली है. उत्तर भारत के श्रमिकों ने महाराष्ट्र के विकास में काफी योगदान किया है. उनका बुरा समय है तो सरकार को भी उनकी सहायता के लिए हाथ बढ़ाना चाहिए.
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उत्तर भारतीयों की बहुत बड़ी तादाद महाराष्ट्र में रहती है. मौजूदा हालात में वह आर्थिक संकट में हैं. सरकार को ऐसे समय में उनके साथ खड़े होना चाहिए. उत्तर भारतीयों ने महाराष्ट्र के विकास में जो योगदान किया है उसे देखते हुए इस विपरीत समय में उनकी मदद की जानी चाहिए.
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