स्पेशल डेस्क
लखनऊ। देश में इन दिनों कोरोना वायरस चरम पर है। सरकार कोरोना के आगे बेबस नजर आ रही है। इस वजह से लॉकडाउन को आगे बढ़ाया गया है। लोगों से कहा जा रहा है कि कोरोना से बचना है तो अपने घरों में रहना होगा।
इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए कहा जा रहा है। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग के इस दौर में तकनीक के सहारे लोग अब अपना जीवन बीता रहे हैं। लॉकडाउन की वजह से लोग अब अपना काम ऑनलाइन करने में विश्वास रख रहे हैं। नतीजा यह रहा कि लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन कारोबार, ऑनलाइन पढ़ाई, डिजिटल पेमेंट सभी कुछ किया जा रहा है।
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WORLD इकोनॉमिक फोरम ने भी इसी बात की ओर इशारा किया है और कहा है कि कोरोना काल में तकनीक को नई उड़ान मिल गई है। कहा तो यह भी जा रहा है कि आने वाले समय में लोग चुनाव प्रचार में भी इसी तरह की तकनीक का सहारा ले सकते हैं।
चीन में जब 2002 में सार्स वायरस का कहर टूटा था तब वहां पर ऑनलाइन बाजार में एकाएक उछाल देखने को मिला। ऐसे में कहा जा रहा है कि कोरोना काल में डिजिटल लेन देन को बढ़ावा मिल सकता है। जानकारों की मानें तो अगर डिजिटल कारोबार बढ़ावा दिया जाता है तो भ्रष्टाचार को भी आसानी से काबू किया जा सकता है।
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इतना ही नहीं कोरोना काल में डिजिटल मीटिंग भी खूब देखने को मिल रही है। देश के हर सेक्टर में डिजिटल मीटिंग देखने को मिली है। यहां तक सरकार भी डिजिटल मीटिंग करती नजर आ रही है। वर्क फ्रॉम होम के कल्चर भी इस दौरान बढ़ा है।
बता दें कि इससे पहले लोग ऑनलाइन से बचते नजर आते थे। उदाहरण के लिए अक्सर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को लेकर लोगों में दुविधा बनी रहती थी लेकिन अब हालात पूरी तरह से बदल गए है।
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कोरोना और लॉकडानउन की वजह से ऑनलाइन कामों को खूब बढ़ावा मिल रहा है। इस वजह से इंटरनेट अब हर घर की जरूरत बन गया है।
आईटी कंपनी कैपजेमिनी की रिपोर्ट के अनुसार देश में लागू लॉकडाउन के चलते ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिये शॉपिंग में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आलम तो यह है आने वाले 6-9 महीनों में ऑनलाइन के सहारे लोग अपना काम करते नजर आ सकते हैं।
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सर्वे के अनुसार कि करीब 46 प्रतिशत भारतीय दुकान पर जाकर खरीदारी करेंगे। इस महामारी के फैलने से पहले यह आंकड़ा 59 प्रतिशत का था।
वहीं अगले 6-9 माह के दौरान 72 प्रतिशत भारतीय ग्राहक ऐसे रिटेलर्स से खरीदारी करेंगे जो डिलीवरी की पेशकश करेंगे या भविष्य में ऑर्डर कैंसिल होने की स्थिति में मुआवजे का आश्वासन देंगे।
इस तरह से देखा जाये तो आने वाले समय में तक तकनीक का बेहतर इस्तेमाल देखने को मिल सकता है। शिक्षा, कारोबार, मार्केटिंग जैसे क्षेत्रों में तकनीक के सहारे ऑनलाइन किया जा सकता है। कोरोना वायरस के खत्म होने के बाद लोगों को पहले से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। उदाहरण के लिए साफ-सफाई के साथ-साथ स्वास्थ्य व सुरक्षा का खास ख्याल रखना होगा।
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कोरोना से बचने के लिए पैसों का लेनदेन में नगदी के बजाये डिजिटल लेनदेन किया जा सकता है। कहा जाता है कि नोट से कोरोना फैल सकता है, इसलिए कार्ड या फिर ई वॉलेट से पेमेंट करना ही बेहतर होगा।