प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. नागरिकता संशोधन क़ानून सीएए और एनआरसी के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में हुए सार्वजनिक सम्पत्ति के नुकसान के मामले में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदर्शनकारियों से एक करोड़ 41 लाख रुपये की वसूली का जो आदेश दिया था उसे लॉक डाउन की वजह से फिलहाल रोक दिया गया है.
उल्लेखनीय है कि नाराज़ मुख्यमंत्री ने प्रमुख चौराहों पर आरोपितों के होर्डिंग लगवाकर उनसे नुक्सान की भरपाई का एलान किया था. यह मामला हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गया था. सरकार ने इस मामले में हर हाल में कार्रवाई का मन बना लिया था और हाईकोर्ट के आदेश को न मानते हुए इस तरह के मामलों को लेकर कैबिनेट की बैठक बुलाकर क़ानून पास कर लिया था.
नागरिकता संशोधन क़ानून के खिलाफ इसी 19 दिसम्बर को राजधानी लखनऊ में हुए प्रदर्शन के बाद व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई थी. इस दौरान दो पुलिस चौकियों समेत सैकड़ों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया था. इस हिंसा में हुए नुकसान का आंकलन कर सरकार ने आरोपितों से एक करोड़ 41 लाख रुपये की वसूली का नोटिस जारी किया था. प्रशासन ने इस वसूली के लिए 53 आरोपितों की पहचान का दावा करते हुए उन्हें नोटिस भेजे थे.
राजधानी लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि सार्वजनिक सम्पत्ति के नुक्सान की भरपाई लॉक डाउन की वजह से रोक दी गई है लेकिन लॉक डाउन के बाद इस मामले में कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने बताया कि खदरा इलाके में 13 लोगों से 21 लाख 76 हज़ार, परिवर्तन चौक इलाके में 24 लोगों से 69 लाख 65 हज़ार रुपये, ठाकुरगंज में 10 लोगों से 47 लाख 85 हज़ार रुपये और कैसरबाग इलाके में 6 लोगों से एक लाख 75 हज़ार रुपये की वसूली की जानी है. सम्बंधित आरोपितों को नोटिस भेजे जा चुके हैं. इस वसूली का काम अप्रैल में पूरा हो जाना था.