- लॉकडाउन के बीच खुले केदारनाथ धाम के कपाट।
- कपाट खुलने के पश्चात प्रथम पूजा देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की ओर से संपन्न की गयी।
न्यूज डेस्क
लॉकडाउन के बीच ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ भगवान के आज सुबह मेष लग्न, पुनर्वसु नक्षत्र में 6 बजकर 10 मिनट पर खोले गये। कपाट खुलने की तैयारी सुबह तीन बजे से शुरू हो गयी थी। पुजारी शिवशंकर लिंग एवं वेदपाठी मंदिर के दक्षिण द्वार पूजन के बाद मुख्य मंदिर परिसर में प्रविष्ठ हुए। इसके बाद मुख्य द्वार पर कपाट खोलने की प्रक्रिया पूरी हुई। साथ ही भगवान भैरवनाथ का आवाह्न किया गया।
इस अवसर पर उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी बी.डी.सिंह, तहसीलदार जयबीर राम बधाणी एवं पुलिस चौकी प्रभारी मंजुल रावत मौजूद थे। पुजारी शिवशंकर लिंग ने रूद्राभिषेक एवं जलाभिषेक कर पूजा संपन्न की। हालांकि इस दौरान मंदिर परिसर में मौजूद लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया।
मंदिर के कपाट खुलने के पश्चात सर्व प्रथम देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से रूद्राभिषेक की पूजा संपन्न की गयी। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित पर्यटन-धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर शुभकामनाएं दी है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना के चलते यात्राओं की अनुमति नहीं है अभी केवल कपाट खोले गए हैं। ताकि धामों में पूजा अर्चना शुरू हो सके। चार धाम की यात्रा को लेकर पर्यटन-धर्मस्व सचिव दिलीप जावलकर ने इससे संबंधित व्यवस्थाओं हेतु दिशा निर्देश जारी किये हैं। ताकि कोरोना महामारी की समाप्ति के पश्चात प्रदेश में चारधाम यात्रा को पटरी पर लाया जा सके।
जाहिर है कि वुड स्टोन कंपनी ने केदारनाथ में बर्फ के ग्लेशियरों को काट कर मंदिर तक पहुंचने हेतु विषम परिस्थितियों में कार्यकर रास्ता बनाया। इस बारे में आयुक्त गढ़वाल/उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रमन रविनाथ ने बताया कि मार्च महीने से ही प्रशासन ने वुड स्टोन कंपनी को केदारनाथ पहुंच़ने हेतु मार्ग बनाने के लिए कहा गया था।
कंपनी ने कपाट खुलने से पहले मार्ग तैयार कर दिया, हालांकि अभी भी केदारनाथ में 4 से 6 फीट तक बर्फ देखी जा सकती है। इन्हीं ग्लेशियरों को काटकर बनाये रास्तों से होकर भगवान केदारनाथ की पंच मुखी डोली पैदल मार्ग से गौरीकुंड से केदारनाथ धाम पहुंची।
बताया गया है कि केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग उखीमठ में चौदह दिनों की क्वारंटीन में हैं उनके प्रतिनिधि के तौर पर पुजारी शिवशंकर लिंग ने कपाट खुलने की संपूर्ण प्रक्रियाओं का निर्वहन किया है। इसके साथ ही उत्तराखंड के चार में से तीन धामों के कपाट खुल गये है। जबकि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खुलेंगे।