Friday - 2 August 2024 - 8:01 AM

प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना के इलाज को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्या कहा ?

न्यूज डेस्क

बीते कुछ दिनों से देश में कोविड 19 के मरीजों के लिए इलाज के लिए प्लाज्मा थेरपी की इस्तेमाल की बात हो रही है। कोरोना के ठीक हो चुके मरीजों को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस संक्रमण के प्लाज्मा थैरेपी से संभावित इलाज के बारे में स्पष्ट किया कि उपचार की यह पद्धति अभी प्रयोग के दौर में है और ऐसी किसी भी पद्धति को मान्यता नहीं दी गयी है।

स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि परीक्षण के दौर से गुजर रही प्लाज्मा थैरेपी के बारे में अभी तक पुष्ट प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके आधार पर यह दावा किया जा सके कि इस पद्धति से कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज किया जा सकता है।

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संयुक्त सचिव ने प्लाज्मा पद्धति से कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज को लेकर किये जा रहे दावों को गलत बताते हुये स्पष्ट किया कि इस तरह की किसी पद्धति को अभी मान्यता नहीं दी गयी है।

दरअसल स्वास्थ्य मंत्रालय को इस मामले में इसलिए बोलना पड़ा क्योंकि देश भर के विभिन्न अस्पतालों में प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना वायरस संक्रमण का उपचार किये जाने के प्रयोग चल रहे हैं। इस पद्धति से इलाज संभव होने के खूब दावे किए जा रहे हैं।

संयुक्त सचिव अग्रवाल ने प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के दावों को भ्रामक और गैरकानूनी बताते हुये कहा कि फिलहाल यह पद्धति प्रयोग एवं परीक्षण के दौर में है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोविड-19 के इलाज में इस पद्धति की प्रभावशीलता का पता लगाने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर अध्ययन शुरु किया है। इसके तहत ही विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में इस पद्धति का परीक्षण किया जा रहा है।

 

उन्होंने कहा कि, ”अब तक इस बात की पुष्टि आईसीएमआर ने नहीं की है कि कोरोना के इलाज में प्लाज्मा थैरेपी कारगर साबित हुयी है। अभी यह दावा करने के पर्याप्त प्रमाण नहीं हैं प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज किया जा सकता है।”

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उन्होंने कहा कि ऐसी किसी भी पद्धति से कोरोना वायरस के संक्रमण का इलाज करना मरीज के जीवन के लिये घातक साबित हो सकता है। इसलिये आईसीएमआर द्वारा अध्ययन पूरा होने के बाद पुख्ता प्रमाणों के आधार पर इसे इलाज की पद्धति के रूप में मान्यता दिये जाने तक इसे उपचार का विकल्प नहीं माना जा सकता ।

कोरोना वायरस के खिलाफ जारी अभियान की प्रगति के बारे में बताते हुए अग्रवाल ने कहा कि देश में अब तक स्वस्थ होने वाले संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 6,868 हो गयी है। यह कुल संक्रमित मरीजों की संख्या का 23.3 प्रतिशत है।

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