न्यूज़ डेस्क
भारतीय रिज़र्व बैंक ने इस बात को मान लिया है कि उसने पीएनबी घोटाले के आरोपी फरार हीरा व्यापारी मेहुल चौकसी सहित 50 टॉप विलफुल डिफाल्टर्स के 68,607 करोड़ रुपये माफ़ कर दिए हैं। इस बात की जानकारी एक आरटीआई के जवाब में आरबीआई ने दी है।
दरअसल आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले 50 टॉप विलफुल डिफॉल्टरों की 16 फरवरी तक उनके वर्तमान लोन की स्थिति जानने के लिए आरटीआई दाखिल की थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि क्योंकि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा पिछले बजट सत्र में संसद में 16 फरवरी, 2020 को पूछे गए प्रश्न का स्पष्ट जवाब नहीं दिया था।
इसके बाद आरटीआई के माध्यम से आरबीआई से इस प्रश्न का जवाब मांगा। जिसमें आरबीआई ने खुलासा किया कि 68,607 करोड़ रुपये में बकाया और तकनीकिपूर्ण तरीके से शामिल इस पूरी राशि को 30 सितंबर, 2019 तक माफ कर दिया है। फ़िलहाल आरबीआई ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए विदेशी कर्जदारों के बारे में जानकारी देने से मना कर दिया है।
इस लिस्ट में मेहुल चोकसी शीर्ष पर
बकायदारों की इस सूची में मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड और उसकी सहयोगी कंपनियों जिली इंडिया लिमिटेड और नक्षत्र ब्रांड्स लिमिटेड के नाम टॉप पर हैं।इनपर संयुक्त रूप से करीब 8,100 करोड़ बकाया है।इसके बाद संदीप झुनझुनवाला और संजय झुनझुनवाला की डायरेक्टरशिप वाली कंपनी आरईआई एग्रो का नाम दूसरे नंबर पर है, जिसके 4,314 करोड़ रुपये बकाया है।
वहीं सूची में अगला नाम भगोड़े हीरा कारोबारी जतिन मेहता की विनसम डायमंड्स एंड ज्वेलरी का है, इस कंपनी ने 4076 करोड़ रुपये कर्ज ले रखे हैं।जाहिर है कि विभिन्न बैंक धोखाधड़ी के लिए इसकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो कर रही है।
दो हजार करोड़ रुपये की श्रेणी में कानपुर स्थित रोटमैक ग्लोबल प्रा.लि. है, जो प्रसिद्ध कोठारी समूह का हिस्सा है, और इसने 2,850 करोड़ रुपये कर्ज ले रखे हैं।
इस सूची में पंजाब की कुडोस केमी (2,326 करोड़ रुपये), इंदौर की रुचि सोया इंडस्ट्रीज (2,212 करोड़ रुपये) और ग्वालियर की जूम डेवलपर्स (2,012 करोड़ रुपये) जैसे कई कंपनियों के नाम हैं।
विजय माल्या की किंगफिशर भी शामिल
इसके अलावा इस सूची में 18 कंपनियां ऐसी है एक हजार करोड़ रुपये कर्ज वाली श्रेणी में हैं। इसमें भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या की बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड (1,943 करोड़ रुपये) शामिल हैं। जबकि 25 कंपनियां ऐसी हैं जिन पर एक हजार करोड़ से कम कर्ज बकाया है ये 605 करोड़ रुपये से लेकर 984 करोड़ रुपये तक है।ये कर्ज या तो व्यक्तिगत रूप से या समूह कंपनियों के रूप में लिए गये है।
50 शीर्ष विलफुल डिफाल्टर्स में से छह हीरा या सोने के ज्वेलरी उद्योग से संबंधित हैं।इस मामले में कोई भी उद्योग बचा नहीं है, क्योंकि ये 50 शीर्ष विलफुल डिफाल्टर्स आईटी, इंफ्रास्ट्रक्चर, बिजली, स्वर्ण-डायमंड ज्वेलरी, फार्मा सहित अर्थव्यवस्था के विविध सेक्टरों में फैले हुए हैं।