न्यूज डेस्क
झारखंड के जमशेदपुर में कुछ फल दुकानदारों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किये हैं। दरअसल जमशेदपुर में कुछ फल दुकानदार ‘विश्व हिंदू परिषद् द्वारा अनुमोदित फल दुकान’ के बैनर लगाके फल बेच रहे थे। इसकी खबर पुलिस को मिली थी।
इस मामले में जमशेदपुर पुलिस का मानना है कि दुकानदारों के खिलाफ ‘हिंदू’ शब्द लिखने के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं क्योंकि ऐसा करने से सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की एक कोशिश की गई है।
फल दुकानदरों ने जो बैनर लगाये हैं उनमें भगवान राम और शिव की तस्वीरें हैं। साथ ही नीचे दुकानदारों के पते दर्ज हैं। हाल के दिनों में इस तरह के बैनरों की तादाद तेजी से बढ़ी है। खासकर उस अफवाह के बाद, जिसमें कहा गया था कि एक विशेष समुदाय के लोग कोरोना महामारी फैलाने के लिए फल और सब्जियों पर थूक लगा रहे हैं।
सिर्फ जमशेदपुर ही नहीं इस तरह की खबरें रांची से भी आई है, जहां फल और सब्जी बेचने वाले दुकानदार या ठेले वाले महावीर का झंडा लगा रहे हैं। इस मामलें में कुछ दुकान दरों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से बिक्री घट गई है। इसकी वजह उन्होंने एक विशेष समुदाय से जुडी खबरे आने के बाद लोगों ने सामान खरीदना कम कर दिया बताई है।
तो इस तरह की स्थिति में यही उपाय बचा था कि लोगों में यह संदेश दिया जाए कि दुकानदार राम, हनुमान या शिव भक्त हैं। इसे देखते हुए ऐसे बैनर लगाए गए।
It’s a matter of shame that Jamshedpur police has filed case on poor fruit seller just because he has poster of Hindu God on his stall.
What message they want to give, freedom of expression is copyright of single source? #hinduphobia_in_jharkhand #SayNoToHalal #JharkhandPolice pic.twitter.com/9FY8bRJbFg
— Manoj Rana🇮🇳 (@489206Manoj) April 25, 2020
वहीं, इस मामलें में दुकानदारों और ठेले वालों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करने को पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता रघुवर दास ने गलत बताया है। उन्होंने पुलिस की इस कार्रवाई को तुष्टिकरण की नीति बताते हुए हेमंत सोरेन सरकार की कड़ी आलोचना की है।
उन्होंने कहा कि सरकार छोटे दुकानदारों को निशाना न बनाए। पुलिस अगर ऐसे दुकानदारों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस नहीं लेती है तो इसका विरोध-प्रदर्शन करेंगे।
गौरतलब है कि, इन बैनरों के बारे में एक टि्वटर यूजर ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी थी। इसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की पुलिस की कार्रवाई के बाद कई दुकानदारों ने इस तरह के बैनर हटा लिए। हालांकि कुछ दुकानदारों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।