न्यूज डेस्क
लॉक डाउन के बाद भी कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 25000 के करीब पहुंच गई है। वहीं उत्तर प्रदेश में अबतक कोरोना के कुल 1778 केस सामने आए हैं, जिनमें से 1504 ऐक्टिव केस हैं। 248 लोग ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं और 26 लोगों की मौत हो चुकी है।
1778 #COVID19 positive cases have been reported in the state, so far out of which 1504 are active cases. 248 people have been cured/discharged. 26 deaths have been reported out of which most deaths were due to comorbidity or old age: Principal Secretary (Health) Amit Mohan Prasad pic.twitter.com/GLUFwpAT1e
— ANI UP (@ANINewsUP) April 25, 2020
तब्लीगी जमात के लोग तथा उनके करीबियों के कारण उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण के मामले देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार लॉकडाउन में जरा सा भी छूट देने के पक्ष में नहीं है। कोरोना के मामलों को देखते हुए यूपी सरकार ने लॉकडाउन में राहत नहीं देने का फैसला किया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक में शनिवार को उनकी कोर टीम ने दो दर्जन से अधिक जिलाधिकारियों का इनपुट दिया है। रमजान को देखते हुए प्रदेश सरकार किसी भी जिले में लॉकडाउन में छूट नहीं देगी। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में लॉक डाउन की स्थिति यथावत रहेगी। यानी प्रदेश में फिलहाल तीन मई तक किसी तरह से बड़ी दुकानें खोलने की अनुमति नहीं होगी।
सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक के दौरान कोर टीम के कुछ अफसरों ने राय दी कि अभी स्थिति काफी अच्छी नहीं है। ऐसे में अगर थोड़ी भी छूट दी गई तो प्रदेश में कोरोना को लेकर स्थितियां इतनी बिगड़ जाएंगी कि संभालना मुश्किल होगा। अफसरों का तर्क था कि राज्य सरकार लॉकडाउन को लेकर गंभीर है। प्रशासन भी सख्त कदम उठा रहा है।
केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत रिहायशी इलाकों में दुकानों को खोलने की राय दी गई है। 75 जिलों वाले उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामले देख यूपी सरकार ने तय किया है कि वह प्रदेश में लॉक डाउन के दौरान कोई छूट नहीं देगी। कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है, इसे देखते हुए फिलहाल कोई छूट नहीं दी जाएगी।
प्रदेश में सर्वाधिक कोरोना वायरस संक्रमण वाले आगरा तथा लखनऊ के जिलाधिकारी लॉकडाउन के दौरान जरा सी भी ढील देने के पक्ष में नहीं हैं। लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश का कहना है कि राजधानी लखनऊ में में पूर्व की लॉकडाउन की व्यवस्था ही लागू रहेगी लॉक डाउन के नियमों में कोई छूट नहीं दी गई है।
यही कथन आगरा के जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह का भी है। आगरा के डीएम ने कहा कि यहां के हालात में बदलाव नहीं है। यहां पर तीन मई तक पूरा लॉकडाउन रहेगा। यहां पर लॉक डाउन का शत-प्रतिशत पालन होगा। गोरखपुर के कमिश्नर ने भी कहा है कि फिलहाल राहत देने का कोई सवाल ही नहीं है।
प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर राजधानी लखनऊ भी काफी संवेदनशील बनी हुयी है। इसी तरह आगरा, कानपुर, सहारनपुर, मेरठ समेत तमाम जिले संवेदनशील हैं। लखनऊ में 20 से अधिक तथा आगरा में 35 से अधिक हॉटस्पॉट बने हैं। आगरा की हालत तो और भी गंभीर है। आगरा में अब तक 358 केस सामने आ चुके हैं।
इसे देखते हुए आगरा के डीएम प्रभुनाथ सिंह ने साफ कर दिया कि यहां के हालात में बदलाव नहीं किया जाएगा।
किसी भी स्थिति में 3 मई तक बाजार नहीं खुलेगा। उन्होंने कहा कि दवा, दूध, सब्जी उपलब्ध रहेगी। किराना की व्यवस्था तो पहले ही जैसी चलती रहेगी। लॉक डाउन का शत-प्रतिशत पालन होगा। इसी तरह कमोवेश सभी जिलाधिकारियों ने गृह मंत्रालाय की एडवाइजरी मानने पर असहमित जता दी। इसके बाद सरकार के शीर्ष स्तर पर भी ऐसी ही राय थी।