न्यूज डेस्क
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को एक बार पीपीई किट की कमी और खराब गुणवत्ता का सवाल उठाया है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्लूसी) की बैठक में सोनिया गांधी ने पीपीई किट की खराब क्वालिटी पर चिंता जाहिर की और साथ ही कहा कि देश में कोरोना टेस्टिंग अभी बहुत कम संख्या में हो रही है, यह काफी चिंता की बात है।
सोनिया गांधी ने किसानों का मसला उठाते हुए कहा कि लॉकडाउन की वजह से देश के कारण सबसे अधिक परेशान हैं। कमजोर और अस्पष्ट खरीद नीतियों के अलावा सप्लाई चैन में आ रही दिक्कतों ने किसानों को बेहाल कर दिया है। उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द निपटारा किया जाना चाहिए। खरीफ फसल के लिए भी किसानों को सुविधाएं मिले।
सोनिया गांधी ने कहा कि प्रवासी मजदूर अब भी फंसे हुए हैं, बेरोजगार हैं और घर लौटने को बेताब हैं। वह सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं। संकट के इस दौर से बचे रहने के लिए उन्हें खाद्य सुरक्षा और वित्तीय सुरक्षा उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि हमने बार-बार प्रधानमंत्री से कहा है कि टेस्टिंग का कोई विकल्प नहीं है। इसके बावजूद भी टेस्टिंग कम हो रही है और पीपीई भी अच्छी क्वालिटी के नहीं है। हमने काफी सुझाव दिए, लेकिन सरकार उनको अमल में लाने के लिए कोई सक्रियता नहीं दिखा रही है।
बैठक में सोनिया गांधी ने मांग की कि गरीबों-मजूदरों-किसानों के खाते में तुरंत 7500 रुपये ट्रांसफर किए जाने चाहिए। मजदूरों को खाद सुरक्षा मुहैया कराने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं। सोनिया ने कहा कि हमें कोरोना वॉरियर्स को सलाम करना चाहिए। तमाम हेल्थ वर्कर, जो बिना जरूरी मेडिकल उपकरण के भी फील्ड पर काम कर रहे हैं।