न्यूज डेस्क
कोरोना संकट के बीच शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। ऐसे में आज यानी 21 अप्रैल, 2020 को दोपहर 12 बजे मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। शिवराज की नई कैबिनेट में सामाजिक समीकरण और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कवायद होगी।
खबरों की माने तो, शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी नेता नरोत्तम मिश्रा समेत पांच लोग मंत्री बनेंगे। मिश्रा के अलावा कमल पटेल, मीना सिंह, तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत मंत्री पद की शपथ लेंगे।
बता दें कि इससे पहले मीडिया रिपोर्ट के अनुसार खबर आई थी कि मंत्रिमंडल ज्यादा बड़ा नहीं होगा। उसमें कुल 6 से 7 लोग ही शामिल किए जाने की संभावना जताई गई थी।
मध्य प्रदेश में शिवराज के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभान वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के दो समर्थक मंत्री पद की शपथ लेंगे।
सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री शिवराज चौहान की शपथ के 29 दिन बाद आज उनके मंत्रियों को राजभवन में शपथ दिलायी जाएगी। राज्यपाल लालजी टंडन मंगलवार दोपहर को शपथ दिलाएंगे।
शपथ लेने वाले मंत्रियों में बीजेपी के दिग्गज नेता डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल और मीना सिंह जैसे नाम शामिल हैं। इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों में तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को भी शामिल करने का निर्णय किया गया है।
कमलनाथ मंत्रिमंडल में भी तुलसीराम सिलावट के पास स्वास्थ्य और गोविंद सिंह राजपूत के पास परिवहन विभाग की कमान थी, अब एक बार फिर उन्हें शिवराज सरकार में मंत्री बनाया जा रहा है। मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं। इस हिसाब से सरकार में मुख्यमंत्री सहित कुल 35 विधायक मंत्री बन सकते हैं।
गौरतलब है कि कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह से अनबन होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था इसके बाद सिंधिया के 22 समर्थक विधायकों ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था, जिसमें 6 कैबिनेट मंत्री भी शामिल थे।
इसी वजह से कमलनाथ की सरकार गिर गई थी और एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान को राज्य का सीएम बनने का मौका मिला। कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले सिंधिया के 22 समर्थक विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया।
बता दें कि हाल ही में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान पर कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि राज्य में सिर्फ शहरी इलाकों में टेस्टिंग हो रही है। ग्रामीण इलाकों में कितनी टेस्टिंग हो रही है? मध्यप्रदेश में 10 लाख में से कुछ गिने चुने 20-25 लोगों की ही टेस्टिंग हो रही है। जितना टेस्ट कम करो उतना कम कोरोना, जितने ज्यादा टेस्ट उतना ज्यादा कोरोना।
आगे उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश इकलौता ऐसा राज्य है जहां न तो स्वास्थ्य मंत्री है न ही गृह मंत्री। 12 मार्च को हमने कोरोना से एहतियातन कॉलेज, मॉल आदि में लॉकडाउन कर दिया था। 16 मार्च, मेरे इस्तीफे के बाद केंद्र सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया था, क्योंकि वे मध्यप्रदेश में सरकार गिराने का इंतजार कर रहे थे।