न्यूज डेस्क
देश में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है और मरीजों की संख्या 12 हजार के पार हो गई है। लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने के बाद भी संक्रमण पर रोक नहीं लग पा रही है। इस बीच विपक्ष गरीबों, मजदूरों और कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्ट कराने के मुद्दे को लेकर सरकार को घेर रही है। विपक्ष की ओर से लगातार आवाज़ उठाई जा रही है कि सरकार को गरीबों के लिए आर्थिक मदद का ऐलान करना चाहिए।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मसले पर आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की। राहुल गांधी ने कहा कि हम एक गंभीर स्थिति में हैं, सभी राजनीतिक दलों को एक साथ आना होगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले 2 महीने में मैंने कई एक्सपर्ट्स से बात की है, लॉकडाउन सिर्फ एक पॉज बटन है ये कोरोना संकट का सॉल्यूशन नहीं है। जब लॉकडाउन से बाहर आएंगे, तो इसका असर फिर दिखना शुरू हो जाएगा। लॉकडाउन सिर्फ आपको एक वक्त देगा ताकि आप तैयारी कर सको।
कांग्रेस नेता ने कहा कि कोरोना को हराने के लिए टेस्ट की संख्या को बढ़ाना होगा और वायरस से आगे रहकर काम करना होगा। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार को टेस्टिंग के लिए एक रणनीति बनानी होगी, ताकि कहीं पर भी कोई कोरोना पीड़ित व्यक्ति ना बच पाए।
राज्यों के मसले पर राहुल गांधी बोले कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काम सिर्फ राज्यों को ताकत देने का है, राज्यों को पैसा देने की जरूरत है। पूरे देश को एक होकर इस वायरस से लड़ने की जरूरत है। सिर्फ लॉकडाउन से बात नहीं बनेगी, आपको अपनी ताकत का सही तरीके से इस्तेमाल करना होगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र की ओर से जिस स्पीड से पैसा पहुंचना चाहिए, वो नहीं पहुंच रहा है। आज गोदाम में राशन पड़ा है उसे लोगों तक पहुंचाइए, न्याय योजना को लागू कीजिए जो लोग सबसे गरीब हैं उन्हें पैसे की जरूरत है। राहुल ने कहा कि प्रवासी मजदूरों का दूसरे राज्यों में फंसना बड़ा मुद्दा है। राहुल ने कहा कि 20 प्रतिशत सबसे गरीब लोगों के खाते में डायरेक्ट पैसा दिया जाना चाहिए। क्योंकि इन्हें सबसे ज्यादा परेशानी है। कहा चाहे तो कांग्रेस की न्याय योजना का नाम बदलकर इस्तेमाल कर लें।
लॉकडाउन खोलने के मसले पर राहुल गांधी ने कहा कि आप तुरंत लॉकडाउन नहीं हटा सकते हैं, जहां पर हॉटस्पॉट हैं उन इलाकों में बड़ी ताकत के साथ टेस्ट करने होंगे। ताकि पहले एक हिस्से से खतरे को कम किया जा सके, तभी आप लॉकडाउन को धीरे-धीरे कम कर सकते हैं।