न्यूज डेस्क
कोरोना वयरस महामारी की जंग में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हॉट स्पॉट मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी नजीर बन गया है। उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामले को देखते हुए योगी सरकार ने एक नई नीति अपनाई है, जिसके तहत सीएम योगी के निर्देश पर कोरोना प्रभावित क्षेत्रो को हॉट स्पॉट के रूप में चिन्हित किया गया और फिर वहां कम्पलीट लॉकडाउन कर दिया गया।
यानी इन हॉट स्पॉट इलाकों में लोगों के आवाजाही पर पूर्ण से प्रतिबंध लगा दिया गया, जिसका प्रभावी असर देखने को मिल रहा है। इसके चलते योगी सरकार के इस हॉट स्पॉट मॉडल की पूरे देश में न सिर्फ जमकर तारीफ की जा रही है, बल्कि कई राज्यो ने इस हॉट स्पॉट मॉडल को अपनाना भी शुरू कर दिया है।
क्या है हॉट स्पॉट मॉडल?
हॉट स्पॉट की रणनीति के तहत जिस क्षेत्र में कोरोना से संक्रमित मरीज मिलते है। उसे हॉट स्पॉट क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया जाता है। इस क्षेत्र की चारों तरफ से बैरिकेडिंग कर हर व्यक्ति को घर में रहने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है। मेडिकल इमरजेंसी के अलावा हर किसी के घर से निकलने पर पाबंदी लगा दी जाती है।
इस क्षेत्र में रहने वालों की फल-सब्जी, राशन, दवा और दूध जैसी आवश्यक वस्तुओं की स्थानीय प्रशासन द्वारा घर-घर डिलीवरी कराई जाती है, जिसके चलते हॉट स्पॉट क्षेत्र में स्वास्थ्य, पुलिस, प्रशासन और सैनिटेशन (सफाई) के साथ सिर्फ आवश्यक वस्तुओं की घर-घर डिलीवरी करने वालों के अलावा किसी भी शख्स को आने-जाने की अनुमति नहीं दी जाती है।
फायर बिग्रेड जैसे वाहनों के जरिये पानी-दवा मिलाकर इस क्षेत्र के घर-घर को सेनेटाइज किया जाता है। इन इलाकों में रहने वाले प्रत्येक नागरिक की जानकारी हासिल कर कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आने वाले सभी संदिग्ध की भी तलाश कर उनकी जांच की जाती है। इस दौरान हॉट स्पॉट क्षेत्र में लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाती है और साथ ही वाहनों को भी जब्त कर लिया जाता है।
कोरोना वायरस महामारी की जंग में जुटे यूपी के ‘योद्धाओं’ की मौत पर योगी सरकार उनके आाश्रितों को 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद करेगी। यह धनराशि एकमुश्त दी जाएगी। शनिवार को इसकी जानकारी अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार ने दी। प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, पुलिस कमिश्नर, एसएसपी व एसपी को इस बारे में आदेश जारी कर दिया गया।
आदेश के मुताबिक, कोविड 19 की रोकथाम, इलाज व उससे बचाव के लिए जुटे डॉक्टर, पुलिसकर्मी व अन्य कर्मचारी की संक्रमण से मौत होने पर सरकार की तरफ से आश्रितों को 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद की जाएगी। यह धनराशि परिवार को एकमुश्त दी जाएगी।
अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने बताया कि पूरी प्रक्रिया की स्वीकृति जिलाधिकारी देंगे। इसके अलावा जिस विभाग का कर्मचारी होगा, उसके विभागाध्यक्ष कोविड 19 रोकथाम, बचाव और उपचार में नियुक्त कर्मचारी का प्रमाणपत्र देंगे। साथ ही कर्मचारी की मृत्यु के बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कोरोना संक्रमण से मृत्यु का प्रमाणपत्र देना होगा।
उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था का लाभ चिकित्सा अनुभाग 1 के शासनादेश से आच्छादित कार्मिकों से भिन्न सभी विभागों, निगमों, स्वायत्तशासी संस्थाओं, प्राधिकरणों के सरकारी, अर्द्ध सरकारी, संविदा कर्मी, दैनिक वेतन भोगी, आउटसोर्स के स्थायी और अस्थाई कर्मियों के परिजनों को दी जाएगी
उधर, योगी सरकार ने राज्य कर्मचारियों के डीए भुगतान पर 30 जून तक रोक लगा दी है। हालांकि, इस दौरान सरकारी विभागों में राज्य सरकार से मिलने वाले वेतन, भत्ते, मानदेय व पेंशन आदि समय से मिलती रहेगी. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पुलिस, राजस्व विभाग के सभी खर्चे यथावत मिलेंगे। अपर मुख्य सचिव संजीव मित्तल ने इसकी जानकारी दी।