न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में बीते 24 घंटे में 51 नए मरीज पाए गए हैं। इसके साथ कुल कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 410 हो गई है। इसमें अकेले तबलीगी जमात से जुड़े लोगों की संख्या 225 है।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कोरोना के 410 प्रकरण 40 जिलों से हैं। इनमें 225 प्रकरण तबलीगी जमात से जुड़े लोगों से संबंधित हैं। तबलीगी जमात के कारण ही कोरोना प्रदेश में फैला है।
दूसरी ओर लॉकडाउन में भी लोग नहीं मान रहे हैं। ऐसे में पुलिस प्रशासन ने अब सख्त रवैया अपनाया है। शुक्रवार से नए नियम लागू होंगे। सुबह 9:30 से शाम 6 बजे तक आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई से जुड़े वाहन ही चल सकेंगे। बाकी के लिए प्रतिबंध रहेगा। पुलिस कमिश्नर सुजीत पाण्डेय और डीएम अभिषेक प्रकाश ने बैठक के बाद गुरुवार की रात यह आदेश जारी किया है।
ड्यूटी कर रहे डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, उनकी टीम, प्रशासन, बिजली विभाग, पुलिस अधिकारी कर्मचारी को छोड़कर अन्य सभी दो पहिया, चार पहिया वाहन प्रतिबंधित रहेंगे। जिनके पास वैध ड्यूटी पास या पहचान पत्र है जैसे बैंक या अन्य राजकीय कार्यालयों के कर्मचारी हैं तो उनको सुबह 9:30 से पहले दफ्तर पहुंचना होगा। शाम को वे दफ्तर से वापस निकल सकते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए बनाई गई टीम-11 के साथ बैठक में निर्देश दिए कि हॉट स्पॉट वाले इलाकों में लोगों की आवाजाही सख्ती से रोकें। मुख्यमंत्री के निर्देशों की जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि हॉटस्पाट इलाके से सभी जरूरी आंकड़ें जुटाए जा रहे हैं।
आवागमन पर रोक के लिए इन इलाकों में बैरिकेडिंग कर गेट बनाए जा रहे हैं। जरूरी वस्तुएं डोर-टू-डोर पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। यूपी-112 की गाड़ियां भी इस क्षेत्र में लगेंगी। हॉटस्पाट इलाकों में मेडिकल, सैनिटाइजेशन टीमों के अलावा सिर्फ डोर स्टेप डिलीवरी वाले जा सकेंगे।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि कोरोना से अब तक मेरठ, बस्ती, वाराणसी और आगरा में एक-एक मरीज की मौत हो चुकी है। 31 मरीज इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं। राज्य में आइसोलेशन बेड की संख्या बढ़कर 9,442 हो गई है। इस संख्या को और बढ़ाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि छोटे और मध्यम शहरों में निजी चिकित्सालयों को भी कोरोना के इलाजे के लिए नोटिफाई किया जा रहा है। अब तक छह निजी अस्पताल नोटिफाई किए गए हैं। पांच दिन के नोटिस पर इन अस्पतालों में भर्ती मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट कर कोरोना के इलाज के लिए उपलब्ध कराना होगा। प्रयोग से पहले इन अस्पतालों को पूरी तरह सैनिटाइज किया जाएगा।
राज्य में इस समय 12129 बेड क्वारांटाइन बेड हैं, जिसमें 5,734 लोग क्वारंटीन हैं। आइसोलेशन में 412 मरीज हैं। 63855 लोगों पर निगरानी रखी जा रही है। 43140 लोग 28 दिन की अवधि पूरी कर चुके हैं।
अब तक आगरा में 83, लखनऊ में 29, गाजियाबाद में 25, नोएडा में 63, लखीमपुरखीरी में 4, कानपुर नगर में 9, पीलीभीत में दो, वाराणसी में 9, शामली में 17, सीतापुर में दस, जौनपुर में चार, बागपत में पांच, मेरठ में 38, बरेली में छह, बुलंदशहर में 8, बस्ती में 8, हापुड़ में तीन, गाजीपुर में पांच, आजमगढ़ में चार, फिरोजाबाद में 11, हरदोई में दो, प्रतापगढ़ में छह, सहारनपुर में 20, बांदा में दो, महाराजगंज में छह, हाथरस में चार, मिर्जापुर में दो, रायबरेली में दो, औरैया में दो, कौशाम्बी में दो, बाराबंकी, बदायूं, बिजनौर, शाहजहांपुर, प्रयागराज, मुरादाबाद में एक-एक मरीज, मथुरा में दो, रामपुर पांच, मुजफ्फरनगर चार और अमरोहा में दो कोरोना रोगी पाए गए हैं।