स्पेशल डेस्क
कोरोना वायरस का मामला लगातार भारत में बढ़ रहा है। कोरोना वायरस को काबू करने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया है लेकिन इसके बावजूद कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटे में 13 लोगों की जान जा चुकी जबकि 693 मामले नये आ चुके हैं। उधर मोदी सरकार कोरोना वायरस को रोकने के लिए कई कदम उठा रही है।
कोरोना वायरस के खिलाफ पूरा देश एकजुट है और कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए केंद्र सरकार की कैबिनेट की बैठक हुई है। इस बैठक में कोरोना से जंग के लिए सांसदों की सैलरी में 30 फीसदी की कटौती एक साल तक करने का फैसला लिया गया है।
इसके साथ सरकार ने इसके लिए एक अध्यादेश को मंजूरी दी है। उधर राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और सभी राज्यपालों ने भी इस अध्यादेश से इतर स्वेच्छा से एक वर्ष तक अपने वेतनों में 30 फीसदी की कमी करने का अनुरोध किया है।
इसके साथ ही सांसद निधि को दो वर्ष के लिए स्थगित कर इसकी राशि को भी देश के कंसोलिडेटेड फंड में रखने का निर्णय लिया गया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बैठक के बाद इसकी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इस अध्यादेश से सांसदों के वेतन, भत्ते और पेंशन से संबंधित अधिनियम,1954 में संशोधन के लिए लाया गया है और संसद के आगामी सत्र में इसके लिए कानून बनाया जायेगा।
Cabinet approves temporary suspension of MPLAD Fund of MPs during 2020-21 & 2021-22 for managing health& adverse impact of outbreak of #COVID19 in India. The consolidated amount of MPLAD Funds for 2 years – Rs 7900 crores – will go to Consolidated Fund of India: Prakash Javadekar pic.twitter.com/Suy20pFLQi
— ANI (@ANI) April 6, 2020
अध्यादेश के प्रावधान गत एक अप्रैल से लागू होंगे। बता दें कि भारत में अब 4067 लोग कोरोना वायरस की चपेट में है जबकि 109 लोगों की जान भी जा चुकी है। हालांकि 292 लोग ठीक भी हो गए है।