न्यूज डेस्क
गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) में कोरोना वायरस के सर्वाधिक 48 पॉजिटव केस मिलने और संक्रमण पर कोई प्रभावी रोकथाम लगा पाने में नाकाम डॉ. अनुराग भार्गव को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के पद से हटाकर उनके सभी वित्तीय अधिकार ले लिए गए हैं। परिवार कल्याण महानिदेशालय में तैनात संयुक्त निदेशक डॉ. एपी चतुर्वेदी को सीएमओ पद का दायित्व सौंपते हुए उन्हें संबंधित वित्तीय अधिकार दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीएम डीएन सिंह को हटाने के बाद यह दूसरी बड़ी कार्रवाई की है। फिलहाल, डॉ. अनुराग भार्गव को जिले के लिए नामित नोडल अधिकारी व ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण के साथ संबद्ध किया गया है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि डॉ. अनुराग भार्गव को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपना कार्यभार तत्काल डॉक्टर एपी चतुर्वेदी को सौंपे।
बता दें कि 31 मार्च को गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) गए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वहां कोरोना के कदम रोकने को प्रयासों व बचाव की व्यवस्था को मानकों पर खरा नहीं पाया था। वहां हालात की समीक्षा करने पहुंचे योगी ने अधिकारियों के साथ बैठक में खासी नाराजगी जताई।
अव्यवस्था के लिए जिलाधिकारी बीएन सिंह को लापरवाह मानते हुए उन्हें फटकार भी लगाई। बीएन सिंह को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू करा दी गई। योगी की फटकार के बाद आपदा में उपार्जित अवकाश का प्रार्थना पत्र देने और शासन से पहले पत्र सार्वजनिक किए जाने को भी शासन ने गंभीरता से लिया है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के सर्वाधिक मामले नोएडा (गौतम बुद्ध नगर) में सामने आए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आला अधिकारियों के साथ बैठकों में इस पर चिंता जताई थी और प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को वहां कैंप करने का निर्देश दिया था। सोमवार को मुख्यमंत्री खुद गौतमबुद्ध नगर पहुंचे और उन्होंने वहां कोरोना संक्रमण से निपटने के उपायों की समीक्षा की।
काम में ढिलाई बरतने और जिम्मेदारी निभाने की बजाय गेंद दूसरे के पाले में डालने पर उन्होंने जिलाधिकारी बीएन सिंह को फटकार लगाई। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके थोड़ी देर बाद ही बीएन सिंह ने मुख्य सचिव आरके तिवारी को प्रार्थना पत्र भेजकर खुद को तीन महीने का उपार्जित अवकाश दिए जाने और जिलाधिकारी के पद पर किसी अन्य अधिकारी को तैनात करने का अनुरोध किया। इस पर शासन ने बीएन सिंह को जिलाधिकारी पद से हटाते हुए राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया।