स्पेशल डेस्क
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का खौफ देखा जा सकता है। चीन से निकला कोरोना वायरस पूरी दुनिया में अपनी जड़े लगातार मजबूत कर रहा है। कोरोना को रोकने के लिए कड़े कदम उठाया जा रहे हैं लेकिन अब भी उसका कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना वायरस का असर खेलों की दुनिया में देखा जा सकता है। क्रिकेट से लेकर हॉकी तक को टाल दिया गया है।
दुनिया की सबसे महंगी क्रिकेट लीग आईपीएल को भी टाल दिया गया है लेकिन ओलम्पिक को टालने में अच्छा खासा दिन लग गया। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण स्थगित किये गए टोक्यो ओलम्पिक अब 23 जुलाई से 8 अगस्त 2021 तक कराया जाने का फैसला लिया गया लेकिन सवाल यह है कि ओलम्पिक जैसे बड़े खेल आयोजन को टालने के लिए क्यों इतनी देर बाद फैसला लिया गया है।
अनजान बीमारी से लोग लगातार मौत की नींद सो रहे थे लेकिन आयोजनक ओलम्पिक को लेकर कोई फैसला नहीं कर पा रहे थे। यह तो तय था ओलम्पिक का होना अभी संभव नहीं है। अंत में हुआ भी यही ओलम्पिक को टाल दिया गया है और नई तारीख भी सामने आ रही है।
ओलम्पिक में पहली बार ऐसा हुआ है जब इसे टालना पड़ा है। पहले यह 24 जुलाई से नौ अगस्त के बीच होना था लेकिन अब नई तारीख के हिसाब से 23 जुलाई 2021 से 8 अगस्त 2021 के बीच इस खेल का आयोजन किया जाएगा।
इस बीच आयोजन समिति इस बात पर भी विचार कर रही है कि 2020 खेलों के लिए खरीदे गए टिकट को नयी तारीखों में वैध समझा जाए या फिर टिकटों की कीमत लौटाई जाए।
उधर अब हर खेल प्रेमी के जहन में यही सवाल है कि ओलम्पिक को टालने के लिए आखिर क्यों इतनी देर बाद फैसला किया गया। दूसरी ओर कनाडा व अमेरिका जैसे देशों ने पहले ओलम्पिक से किनारा कर लिया था जबकि बड़े खिलाडिय़ों ने इससे अपना नाम भी वापस लेना शुरू कर दिया था।
इतना ही नहीं कई नेशनल ओलंपिक कमेटियां (एनओसी) पहले ही इस आयोजन को टालने के लिए आयोजकों पर दबाव बनाया था। उधर अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक से जुड़े सूत्रों का कहना है आयोजक चाहते थे ओलम्पिक को टाल दिया जाये लेकिन कोई भी अपनी ओर से पहल नहीं करना चाहता था।
उधर दूसरे पक्षों का कहना है अगर ओलम्पिक को टाल दिया गया तो व्यापारिक और कानूनी दुष्परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं। ऐसे में कोई नहीं चाहता था कि उसपर जिम्मेदारी आई।
दूसरी ओर कोरोना वायरस का कहर जापान में देखने को भी खूब मिल रहा है लेकिन इससे उसने पूरी दुनिया को अंजान रखा है। जानकार बता रहे हैं कि ओलम्पिक की वजह से जापान ने दुनिया को गुमराह रखा था।
बता दें कि ओलम्पिक को 25 मार्च को आगे बढ़ाने का फैसला किया गया जबकि वहां पर इससे पहले रोजाना कोरोना की चपेट में लोग लगातार आ रहे थे। इस वजह से कहा जा रहा है जापान केवल ओलम्पिक की वजह से कोरोना वायरस को पूरी दुनिया में झूठ बोल रहा था, हालांकि जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि लोगों के मन में शक है कि मरीजों की संख्या छिपाई गई, इसमें कोई सच्चाई नहीं।