प्रमुख संवाददाता
कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रही दुनिया के सामने राहत से भरी ख़बर सुनने को मिली है। पहली खबर चीन से है जिसमें चीन ने कोरोना वायरस को संक्रमित व्यक्ति के शरीर में ही नष्ट कर देने में कामयाबी हासिल कर लेने की बात कही है तो दूसरी तरफ अमरीका ने ऐसी दो दवाओं के बारे में जानकारी होने की बात कही है जो कोरोना वायरस को हरा पाने में सक्षम महसूस हुई हैं। उधर फ्रांस ने भी कोरोना वायरस की दवा ढूंढ लेने का दावा किया है।
चीन से शुरू हुई इस महामारी ने चीन के करीब साढ़े तीन हज़ार लोगों की जान ले ली। चीन में कोरोना संक्रमण के 81 हज़ार से ज्यादा मामले सामने आये हैं। कोरोना वायरस से निबटने की लगातार कोशिश कर रहे चीन के डाक्टरों ने दावा किया है कि उन्होंने वायरस को शरीर के भीतर ही नष्ट करने का तरीका ढूंढ लिया है।
चीन के डाक्टरों ने दावा किया है कि उन्होंने ऐसा नैनो मैटीरियल बना लिया है जो संक्रमित व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करने के बाद कोरोना वायरस को 96.5 फीसदी से 99.9 फीसदी तक नष्ट कर देता है। डाक्टरों ने हालांकि इसे कोरोना से लड़ने वाली वैक्सीन का नाम नहीं दिया है लेकिन इस नैनो मैटीरियल को वायरस से निबट पाने में बहुत कारगर माना है।
डाक्टरों ने कहा है कि यह नैनों मैटीरियल क्योंकि बहुत छोटे होते हैं इसलिए शरीर में बहुत आसानी से प्रवेश कराये जा सकते हैं लेकिन इन बहुत छोटे-छोटे मैटीरियल का प्रयोग बहुत सफल दिख रहा है।
उधर कोरोना से बहुत मुश्किल दौर की लड़ाई लड़ रहे अमरीकी डाक्टरों ने ऐसी दो दवाइयाँ खोजने का दावा किया है जो इस वायरस को हरा पाने में बहुत कारगर हो सकती हैं। अमरीका में 7 लाख से भी ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और वहां 34 हज़ार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
अमरीकी डाक्टरों की रिसर्च में पता चला है कि हाइड्रोक्लोरोक्विन और एजिथ्रोमाईसिन के मिश्रण का असर कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों पर बहुत अच्छा दिख रहा है। इस मिश्रण का प्रयोग डाक्टरों ने जिन मरीजों पर किया है वहां से अच्छे नतीजों की बात कही गई है।
चीन और अमरीका के बाद फ्रांस ने भी कोरोना वायरस से निबट सकने में सक्षम दवा ढूंढ लेने का दावा किया है। फ्रांस का दावा है कि उनकी दवा से मरीज़ को छह दिन के भीतर गंभीर स्थिति में पहुँचने से बचाया जा सकता है।