न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। यूपी के गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज से निलंबित बाल रोग विशेषज्ञ कफील खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने रिहाई का आदेश देने का अनुरोध किया है।
कफील खान ने अपील की है कि उन्हें चिकित्सा क्षेत्र में 20 साल का अनुभव है। वे महामारी के खिलाफ लड़ाई में शामिल होकर भारतीय नागरिकों की सेवा करना चाहते हैं।
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बता दें कि डॉ. कफील इस समय मथुरा जेल में बंद है। उनके ऊपर सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रर्दशन के दाैरान नियमाें का उल्लंघन करने पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) का केस चल रहा है।
प्रधान मंत्री को दो पन्नों के हस्तलिखित पत्र में जेल के बाल रोग विशेषज्ञ ने घातक कोरोना चरण से निपटने के लिए एक रोड मैप की पेशकश की है।
अपने वर्षों के चिकित्सा अनुभव का हवाला देते हुए, कफील ने कहा कि वह महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में उपयोगी हो सकते हैं और मोदी से उन्हें हिरासत से मुक्त करने का आग्रह किया।
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उन्होंने पत्र में लिखा, “सर, चिकित्सा क्षेत्र में अपने 20 वर्षों के अनुभव और उन 103 से अधिक मुफ्त चिकित्सा शिविरों के साथ जो मैंने बीआरडी ऑक्सीजन त्रासदी के बाद जेल से बाहर किए थे, मुझे लगता है कि मैं इस बीमारी को रोकने में कुछ मदद कर सकता हूं। डॉ. खान ने यह लेटर 19 मार्च को लिखा था।
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डॉ. कफील को उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने पिछले महीने मुंबई से गिरफ्तार किया था, जब उन्होंने विरोध के दौरान अलीगढ़ विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय में 12 दिसंबर, 2019 को नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ कथित रूप से भड़काऊ बयान दिया था।
वह 14 फरवरी को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत आरोपित किए गए। जब बीआरडी में ऑक्सीजन की आपूर्ति में व्यवधान के कारण लगभग 30 बच्चों की मौत के बाद अगस्त 2017 में उन्हें निलंबित कर दिया गया था, तो सुर्खियों में आए। बाद में उन्हें एक विभागीय जांच में सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया था।
गौरतलब है कि देश में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 724 पर पहुंच गई है। वहीं यूपी में शुक्रवार को नोएडा में तीन और आगरा, बागपत में एक-एक मरीज में कोविड-19 की पुष्टि के बाद कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 47 तक पहुंच गई है।
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