न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। सऊदी अरब की अध्यक्षता में हो रही G-20 देशों की बैठक में एक बड़ा फैसला किया गया है। कोरोना वायरस से निपटने और इसके कारण दुनिया की अर्थव्यवस्था को हो रहे नुकसान में मदद के लिए 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर लगाने का फैसला किया गया है। दुनिया के 19 देशों और यूरोपीय संघ के नेताओं की यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने भी हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना महामारी के संकट के बीच विश्व की शीर्ष 20 अग्रणी (G-20) अर्थव्यवस्थाओं का आज आह्वान किया कि अब समय आ गया है कि वैश्वीकरण को पुनर्परिभाषित किया जाए जिसमें मानवता एवं उससे जुड़े मुद्दों पर फोकस हो तथा आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन एवं वैश्विक महामारियों की चुनौतियों से निपटने की साझे प्रयास आरंभ हों।
ये भी पढ़े: Corona Diaries : लोग हांफना शुरू कर चुके हैं
सूत्रों ने बताया कि सऊदी अरब के शाह सलमान की पहल में पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन में कोविड-19 के संकट से निपटने में भारत के प्रयासों तथा भारतीय नेतृत्व की भूरि- भूरि प्रशंसा की गई।
सम्मेलन में एक या दो देशों को छोड़कर सभी देशों के नेता शामिल हुए और पहली बार आर्थिक एवं वित्तीय मुद्दों से इतर मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। सूत्रों ने बताया कि बैठक में मुख्य रूप से चार बिंदुओं पर चर्चा हुई। पहला, कोविड-19 विषाणु से निपटने में मिलकर काम करने के बारे में, दूसरा अर्थव्यवस्थाओं को बचाने, वित्तीय स्थिरता एवं मजबूत राजकोषीय प्रणाली कायम रखने, तीसरा व्यापार को होने वाले नुकसान को कैसे न्यूनतम रखा जाए तथा चौथा इस महामारी से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग को कैसे अधिक प्रभावी बनाया जाए।
ये भी पढ़े: देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या हुई 694, 16 लोगों की मौत
बैठक में कोविड-19 से निपटने के लिए क्षेत्रीय एवं वैश्विक कोष बनाने के बारे में भी चर्चा की गई। संयुक्त रूप से कोविड-19 के टीके पर शोध एवं विकास के लिए सहयोग बढ़ाने के उपायों पर विचार किया गया तथा जापान के ओलंपिक खेलों को अगले साल के लिए स्थगित करने के फैसले की सराहना की गई।
सूत्रों के अनुसार बैठक में नेताओं ने सभी नीतिगत उपाय करके इस महामारी की आर्थिक एवं सामाजिक कीमत को न्यूनतम रखने और वैश्विक वृद्धि दर, बाज़ार की स्थिरता और क्षमता को बढ़ाने का संकल्प भी लिया।
पीएम मोदी के हस्तक्षेप एवं उद्बोधन के बारे में सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के कारण 88 प्रतिशत मौतें और 90 प्रतिशत संक्रमण के मामले जी-20 देशों में हैं जबकि ये देश विश्व की 80 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पादन करते हैं और इन देशों में विश्व की 60 प्रतिशत आबादी रहती है।
ये भी पढ़े: अच्छी खबर : लॉकडाउन का असर, नहीं मिला लखनऊ में पांच दिन से कोई कोरोना का मरीज
उन्होंने कहा कि जी-20 देशों के नेता मानवता के सामूहिक कल्याण के लिए एक नए वैश्वीकरण के उदय के लिए आगे आएं जिसमें मानवीयता के समान हितों को प्रोत्साहित करने पर बहुपक्षीय प्रयास किए जाएं। मोेदी ने कहा कि वैश्वीकरण और उससे जुड़े बहुपक्षीय मंच अभी तक कुछ देशों के व्यक्तिगत हितों में संतुलन कायम करने तक सीमित रहे हैं। कोविड-19 की महामारी ने हमें अवसर प्रदान किया है कि अब वैश्वीकरण को पुनर्परिभाषित किया जाए जिसमें मानवता केन्द्र में हो।
पीएम मोदी ने कहा कि आर्थिक एवं वित्तीय मामलों के साथ-साथ आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक महामारियों की चुनौतियों से निपटने के मानवीय पहलुओं को प्रमुखता मिले। किसी भी आर्थिक या अन्य प्रकार के संकट में आर्थिक के साथ साथ सामाजिक एवं मानवीय कीमत का भी आकलन किया जाए।
सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक समृद्धि एवं सहयोग के हमारे द्दष्टिकोण में सामान्य मानव को केन्द्र में लाने, चिकित्सीय शोध एवं विकास के लाभों को मुक्त रूप से सबसे साझा किए जाने, आसानी से अपनाए जाने वाली स्वास्थ्य रक्षा प्रणाली लाने, आपदा प्रबंधन के नए प्रोटोकॉल एवं प्रक्रियाएं अपनाने और विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी संस्थाओं में सुधार करने की आवश्यकता है।
ये भी पढ़े: कालाबाजारी की तो रासुका लगेगी