प्रमुख संवाददाता
नई दिल्ली। कोरोना वायरस से जहाँ दुनिया के अधिकाँश देश रात-दिन जंग में लगे हैं तो वहीं सक्षम लोग मददगार की भूमिका में भी खड़े हो गए हैं ताकि इस महामारी को जल्दी से जल्दी खत्म किया जा सके।
भारतीय मूल के उद्योगपति बिल गेट्स ने अपना बड़ा दिल दिखाते हुए अपनी फाउंडेशन के ज़रिये कोरोना की वैक्सीन बनाने और अफ्रीका व एशिया में इलाज के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए 750 करोड़ रुपये देने का एलान किया है।
कोरोना की वैक्सीन विकसित करने के लिए चीन की कम्पनी अलीबाबा के मालिक जैक पहले ही 100 करोड़ रुपये की मदद कर चुके हैं। जैक ने कोरोना से लड़ रहे अमरीका को पांच लाख टेस्टिंग किट और 10 लाख फेस मास्क भी उपलब्ध कराये हैं।
कोरोना की वजह से इटली में हालात बेहद खराब हैं। इस महामारी से लड़ने में धन की कमी आड़े न आये इस तरफ इटली के धनाढ्य लोगों की लगातार नज़र बनी हुई है। इटली के 18 अमीरों ने मिलकर कोरोना से जंग के लिए ढाई सौ करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि दी है। अमरीका की नेशनल बास्केटबाल एसोसियेशन ने कोरोना से लड़ने के लिए अब तक करीब 300 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
कोरोना से जंग में भारतीय उद्योगपति भी आगे आये हैं। रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अम्बानी ने कोरोना पीड़ितों के लिए 100 बेड का अस्पताल बनाने के संसाधन के तौर पर महाराष्ट्र सरकार को पांच करोड़ रुपये उपलब्ध कराये हैं।
वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कोरोना के खिलाफ जंग में 100 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। पेटीएम के विजय शेखर ने कोरोना से जंग के लिए वेंटीलेटर के लिए पांच करोड़ रुपये की मदद की है।
महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनन्द महिंद्रा ने अपनी निर्माण इकाइयों में वेंटीलेटर तैयार करने का निर्देश देने के साथ ही यह कहा है कि उनके क्लब महिन्द्रा रिज़ार्ट्स का कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए अस्थायी रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है।
आनन्द महिंद्रा ने कहा है कि वह कोरोना मरीजों को अपनी एक महीने की सैलरी भी देंगे और यह भी देखेंगे कि इस बीमारी से निबटने में वह सरकार और सेना की किस तरह से मदद कर सकते हैं।