प्रमुख संवाददाता
कोरोना की दस्तक ने जहां दुनिया को हिला दिया है और सरकारों को लॉकडाउन के लिए मजबूर कर दिया है। वहीं ऐसे लोगों की बहुत बड़ी तादाद है। जो इस लॉकडाउन की अहमियत को समझ नहीं पा रहे हैं और मामूली-मामूली काम के लिए सड़कों पर निकल रहे हैं। कई जगहों पर पुलिस सख्ती भी कर रही है और लोगों को वापस लौटने को मजबूर कर रही है तो कहीं-कहीं सड़क से गुजरने वालों पर कोई पाबंदी नहीं है।
लॉकडाउन के ज़रिये सरकार ने कोरोना की थर्ड स्टेज पर वार करने की कोशिश की है। यह पहल तभी कारगर होगी जबकि लोग इसकी अहमियत को समझें और अपने घरों के भीतर ही रहें। 23 मार्च की रात को राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर के सेक्टर 10 में और आज 24 मार्च को शास्त्री नगर में कोरोना पाजिटिव मरीज़ की जानकारी होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
शास्त्री नगर में आज मिला मरीज़ कुवैत से भारत आया है। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में भी 23 मार्च को कोरोना का एक मरीज़ मिला था।
देश में कोरोना की चपेट में आने वालों की तादाद 500 के पार जा चुकी है। इस बीमारी से बचा जा सकता है। कोरोना संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने से ही संक्रमण फैलता है। ऐसे में अगर लोग बगैर अति आवश्यक कार्य के अपने घरों से बाहर नहीं निकलें तो खुद को और अपने परिवार को इससे बचा सकते हैं।
सरकार के निर्देश पर 22 मार्च को पूरे देश में जनता कर्फ्यू लगाया गया था। संवेदनशील शहरों में यह कर्फ्यू कहीं 25 मार्च तक और कहीं 31 मार्च तक बढ़ा दिया गया है।
सड़कों पर लोगों की आवाजाही पर रोक लगाने के लिए आज पुलिस ने भी सख्ती बढ़ाई है और कल की अपेक्षा आज सड़कों पर सन्नाटा बढ़ा है। यह आपदा का समय है और ऐसे समय में पुलिस का सहयोग करना और अपने घरों से न निकलना खुद अपने आप की सुरक्षा के लिए ज़रूरी है।