न्यूज डेस्क
अगर आप पैसे का लेन-देन ऑनलाइन करते है यानी कि डिजिटल पेमेंट करते हैं तो आरबीआई आपके लिए एक नया नियम लाने की तैयारी में हैं। इससे आपके डिजिटल पेमेंट पर किसी तरह की सेंधमारी नहीं हो सकेगी और न ही आपको अपना एटीएम पिन देना पड़ेगा। दरअसल अब आपको डिजिटल पेमेंट पर ओटीपी का इस्तेमाल करना होगा।
इसके लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने कुछ नए नियम जारी किये हैं। इन नियमों के तहत दो हजार से अधिक के भुगतान के लिए ग्राहक सत्यापन के लिए केवल ओटीपी का ही इस्तेमाल कर पाएंगे। कई जगहों पर पेमेंट एग्रीगेटरों को अब ऑनलाइन लेनदेन को पूरा करने के लिए ग्राहकों को एटीएम पिन के इस्तेमाल का विकल्प देना बंद करना होगा।
इस निर्देश को पेमेंट एग्रीगेटर और पेमेंट गेटवे दोनों के लिए जारी किया गया है। इसके पीछे जो मकसद है वो है कि डिजिटल पेमेंट को ग्राहकों के लिए ज्यादा सुरक्षित और सुविधाजनक बनाया जाए। साथ ही डिजिटल भुगतान में फ्रॉड के जोखिम को घटाने और ग्राहकों के वित्तीय डेटा को सुरक्षित रखने में सहायता मिलेगी।
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इण्डिया ने एक अधिसूचना के जरिये इन नियमों को जारी किया है। इसमें कहा गया है कि पेमेंट एग्रीगेटरों को अब ऑनलाइन लेनदेन को पूरा करने के लिए ग्राहकों को एटीएम पिन के इस्तेमाल का विकल्प देना बंद करना होगा। ऐसा करने से किसी का एटीएम पिन एग्रीगेटर या पेमेंट गेटवे (या यहां तक कि हैकर) के लिए ऑनलाइन उपलब्ध नहीं होगा।साथ ही इससे सुरक्षा बढ़ेगी।
इसके अलावा आरबीआई ने ऐसे एग्रीगेटरों को यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि सभी रिफंड को भुगतान के मूल स्रोत में वापस जमा कराया जाए। खासतौर से उस समय जब ग्राहक किसी वैकल्पिक स्रोत को क्रेडिट करने के लिए विशेष रूप से सहमति नहीं देता है।
गौरतलब है कि अभी कई ई-कॉमर्स कंपनियां या तो अनिवार्य रूप से या डिफॉल्ट तौर पर ग्राहकों के ई-वॉलेट में रिफंड को क्रेडिट करती हैं। इसका नतीजा ये होता है कि ग्राहक को अपने बैंक खाते में पैसा वापस नहीं मिल पाता है।
इस तरह से आपकी डिजिटल लाइफ बनेगी सुरक्षित
होगी मर्चेंट की जांच
आरबीआई ने पेमेंट एग्रीगेटरों को मर्चेंट की पृष्ठभूमि की जांच करने के लिए भी कहा है। जारी की गई अधिसूचना के अनुसार पेमेंट एग्रीगेटर मर्चेंट के बैकग्राउंड की जांच करेंगे। इससे ये सुनिश्चित किया जा सकेगा मर्चेंट का ग्राहकों को धोखा देने का कोई इरादा नहीं है. साथ ही वे नकली उत्पाद तो नहीं बेचते हैं।
यही नहीं मर्चेंट और अपनी वेबसाइट पर रिटर्न और रिफंड की प्रोसेसिंग के लिए सेवा की शर्तों और समय सीमा का साफ उल्लेख रखना पड़ेगा।
पेमेंट के लिए एटीएम पिन जरुरी नहीं
ऑनलाइन भुगतान के ऑथेंटिकेशन के लिए पेमेंट एग्रीगेटर एटीएम पिन नहीं मांग सकते हैं। फिलहाल अभी कुछ पेमेंट एग्रीगेटर ग्राहक को ऑनलाइन भुगतानों को सत्यापित करने के लिए अपने एटीएम पिन का इस्तेमाल करने का विकल्प देते हैं।
ओरिजनल सोर्स में आएगा रिफंड
पेमेंट एग्रीगेटरों को रिफंड का क्रेडिट (ट्रांजैक्शन के रद्द होने के कारण) को आरबीआई ने ग्राहक के उस खाते में वापस भेजने को कहा है जहां से मूल भुगतान किया गया था। अभी कुछ ई-कॉमर्स कंपनियां रिफंड को डिफॉल्ट रूप से ग्राहक के ई-वॉलेट (कंपनी के अपने प्लेटफॉर्म पर बने) में क्रेडिट करती हैं।
वे इसे ग्राहक के बैंक खाते, क्रेडिट कार्ड आदि में इसे नहीं क्रेडिट करती हैं। इससे ग्राहकों को काफी समस्या होती है क्योंकि इस राशि का इस्तेमाल केवल उस ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर ही हो पाता है और जगहों पर नहीं।