जुबिली न्यूज़ डेस्क
देश के पूर्व प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को राज्यसभा के लिए नामांकित किया तो सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार गरमा गया। यह खबर आने के बाद से ही तमाम विपक्षी नेताओं की ओर से प्रतिक्रिया आने लगी। असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर न्यायपालिका की स्वतंत्रता के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया गया। वहीं कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता ने ट्वीट करते हुए कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि तस्वीरें सब कुछ बयां करती हैं।
इसी बीच पूर्व रंजन गोगोई ने कहा है कि, “मैं कल दिल्ली जाऊंगा, पहले मुझे शपथ लेने दीजिए फिर मैं मीडिया से विस्तार से बात करूंगा कि मैंने यह क्यों स्वीकार किया और मैं राज्यसभा क्यों जा रहा हूं।”
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बता दें कि, गोगोई के राज्यसभा जाने की खबर आने के बाद से उनके खिलाफ आरोपों की बाढ़ आ गई है। जिन लोगों के लिए जस्टिस गोगोई ईमानदारी और हिम्मत की प्रतिमूर्ति थे, उनके लिए आज वो सबसे बड़े खलनायक बन गए हैं।
दरअसल 12 जनवरी 2018 को उस समय के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ तीन साथी जजों के साथ मिलकर मोर्चा खोला था और अपने विरोध को सार्वजनिक करते हुए प्रेस कांफ्रेंस तक कर डाली थी। इसके बाद विपक्षी नेताओं ने जस्टिस गोगोई की खूब तारीफ की और उनका समर्थन किया लेकिन अब यही नेता उन पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
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