Tuesday - 29 October 2024 - 3:39 AM

होली पर ‘गज केसरी योग’ और कोरोना

राजीव ओझा 

इस बार की होली ख़ास है। ज्योतिषाचार्य की भविष्यवाणी पहली बार पूरी तरह सच होती दिख रही है। कहा जा रहा है कि होली पर इस बार दो-दो योग बन रहे। एक है गज केसरी योग और दूसरा कोरोना-कोल्ड योग। दोनों योग लोगों का आर्थिक पक्ष प्रबल करेंगे।

इस बार होली पर ग्रहों का एक विशेष योग बन रहा है, जो 499 साल बाद निर्मित हो रहा है। इस योग को गजकेसरी योग कहते हैं। इस योग में लोगों का आर्थिक पक्ष प्रबल रहेगा और उत्तम  आर्थिक लाभ के आसार हैं। दरअसल, 499 साल बाद होली पर ऐसा शुभ संयोग बना रहा है जब गुरु बृहस्पति और शनि अपनी स्वराशि में रहेंगे।

ज्योतिष के अनुसार, जब यह ग्रह अपनी स्व राशियों में रहते हैं तो वह शुभ प्रभाव वाले होते हैं। मतलब होली पर ग्रहों के इस विशेष संयोग को धन में वृद्धि करने वाला माना जा रहा है। दूसरी तरफ पहली बार कोरोना और कोल्ड (ठण्ड) योग बन रहा है जिसके  के चलते भी लोग कोरोना वायरस और ठण्ड के चलते ज्यादातर अपने घरों में ही रहेंगे।

एक दूसरे से कम मिलेंगे, व्हाट्सअप पर ही अबीर गुलाल खेलेंगे, न ज्यादा मिठाई खरीदेंगे न गुझिया। दहीबड़ा भी ज्यादा नहीं बनाना पड़ेगा। कोरोना और कोल्ड का योग कई दिनों तक चल सकता है। इसके चलते लोग हर हाल में गज केसरी प्रभाव महसूस करेंगे। मतलब पिछली होली की तुलना में इस होली पर उनकी जेबें खाली नहीं होंगी। लोग होली पर चंदा मांगने भी नहीं आयेंगे। क्योंकि कोरोना वायरस के डर से होली मिलन समारोह भी नहीं होंगे।
इस बार होली पर गज केसरी योग के चलते शेयर मार्केट होली की पूर्व संध्या पर 2000 अंक से अधिक टूटने के बावजूद आपकी जेब पर कोई ख़ास असर नहीं पड़ेगा। लोग न होली खेलेंगे न मिलेंगे। इसके चलते उत्तम आर्थिक लाभ  न होते हुए भी लोग लाभ  महसूस करेंगे।

कोरोना के डर से गली-मोहल्लों और चौराहों पर होली गीतों पर नाचने वालों की भीड़ भी कम होगी। लेकिन जो लोग दारू पीकर नाचेंगे उनका भी कोरोना कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा।

दारू से टुन्न लोगों के मुंह का एक भभका कोरोना के प्राण तुरंत ले लेगा।  जो थोड़े बहुत कोरोना वायरस बच जायेंगे वो कोरोना वायरस पर बने ढेर सारे दोअर्थी भोजपुरी गीत चौराहों पर लगे लाउडस्पीकर पर सुन कर और उन पर लोगों के ठुमको को देख अपमानित महसूस करेंगे और सदमें में आत्महत्या कर लेंगे। कोरोना वायरस को लगेगा की चीन के लोग तो उसके नाम से ही कांपते हैं और यहाँ यूपी में लोग गाना बना बना कर पैसा कमा रहे हैं, उनको मौत का कोई खौफ नहीं है।

कुछ दबंग किस्म के कोरोना इन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद यूपी में कुछ लोगों के शरीर में प्रवेश कर संक्रमण फ़ैलाने की कोशिश करेंगे। लेकिन शरीर में पहुँचने पर उन्हें पता चलेगा कि कोरोना फैमिली के कई सदस्य पहले से ही रह रहे हैं लेकिन गटर के बगल में खड़े होकर गोलगप्पा खाने और नाले के पानी से धुली  थाली में छोला-भटूरा चांपने वाले तो पहले से ही इम्यून हैं। इस तरह बमुश्किल कुछ दिन मानव शरीर में बिताने के बाद कोरोना दम तोड़ देगा।

तब तक बाहर औसत तापमान 35 डिग्री के ऊपर पहुँच चुका होगा और इसके साथ ही कोरोना  का प्रकोप भी खत्म हो जायेगा। लेकिन गज केसरी, कोरोना और कोल्ड के योग को लोग लम्बे समय तक महसूस करेंगे।

(डिस्क्लेमर : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति Jubilee Post उत्तरदायी नहीं है।)

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