न्यूज डेस्क
कांग्रेस के सात सांसदों को गुरुवार को लोकसभा की शेष सत्रावधि के लिए निलंबित कर दिया गया है। जिन सांसदों को निलंबित किया गया है उनमें गौरव गोगोई, टीएन प्रतापन, गुरजीत सिंह औजला, एडवोकेट डीन कुरियाकोस, बेनी बेहनन, मणिक्कम टैगोर और राजमोहन उन्नीथन शाामिल हैं।
इन सांसदों को लोकसभा में हंगामा करने और उद्दंड आचरण के लिए निलंबित किया गया है।
कांग्रेस नेताओं में इसको लेकर गुस्सा है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज संसद में जो कुछ हुआ वह लोकतंत्र के लिए शर्मिंदा करने वाली दास्तान है। सरकार से विपक्ष दिल्ली दंगों पर चर्चा कराने के लिए मांग कर रहा है, लेकिन वह सुन ही नहीं रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि देश की छवि धूमिल हो रही है। मजहबी दरार बढ़ रही है। हम देश की खातिर सदन में चर्चा चाहते हैं। हम दो मार्च से मांग कर रहे हैं। हमने सहयोग करने का आश्वासन भी दिया, फिर भी नहीं सुना गया।
उन्होंने कहा कि हमने कहा कि पहले दिल्ली दंगों पर बात हो लेकिन स्पीकर ने कहा कोरोना को लेकर बात हो, हम तैयार हो गए। जब सदन चलने लगा तब हमने फिर दिल्ली हिंसा पर चर्चा कराने की मांग की तो हमसे कहा गया कि 11 मार्च को होगा।
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अधीर चौधरी ने कहा कि हमने कहा 11 को हो सकता है, आज क्यों नहीं? सरकार बदले की भावना से काम कर रही है। हमारे सात सांसदों को पूरे सेशन के लिए सस्पेंड कर दिया गया। दरअसल सरकार डरी हुई है। यह तानाशाही वाला फैसला है। यह केंद्र सरकार का फैसला है, स्पीकर का नहीं।
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उन्होंने कहा कि हम सात सदस्यों को निलंबित करने से डरने वाले नहीं हैं। हमारी जंग जारी रहेगी। हमारी मांग है कि दिल्ली दंगों पर चर्चा हो । हम दूसरे नेताओं से इस पर बात कर रहे है। ये हमारा अधिकार है। यह एक बेहद संवेदनशील मामला है।
वहीं लोकसभा से सात कांग्रेस सांसदों के निलबंन पर बहुजन समाज पार्टी के सांसद कुंवर दानिश अली ने कहा कि ये गलत हुआ है। सरकार बहस करने से पीछे भाग रही है। सरकार हर चीज को दबाना चाहती है। लोकतंत्र की हत्या हुई है। सदन में पहले भी विरोध होता रहा है। यह कोई नया नहीं है।
दानिश ने कहा, दिल्ली दंगों पर आखिर क्यों न बात हो। सांसदों को संस्पेंड करने का फैसला सरकार का है। स्पीकर तो सदन में थे नहीं नहीं।
गौरतलब है कि 3 मार्च को लोकसभा और राज्यसभा में दिल्ली हिंसा पर चर्चा किए जाने को लेकर खूब हंगामा हुआ। इस पर स्पीकर ओम बिड़ला ने विपक्ष के सांसदों ने कहा कि सरकार इस पर चर्चा के लिए तैयार है और होली के बाद 11 मार्च को इस विषय पर चर्चा की जाएगी।
स्पीकर के इस बात पर विपक्षी दलों के नेता भड़क गए। सांसद स्पीकर की ओर कागज के गोले फेंकने लगे। कुछ सांसद वेल के पास आकर नारेबाजी भी करने लगे।
स्पीकर ने हंगामा करने वाले सांसदों को सत्रभर तक निलंबित करने की चेतावनी भी दी और कहा कि वह संसद में प्लेकॉर्ड और पोस्टर लेकर न आएं। हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया था।
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