न्यूज डेस्क
देश में सियासत का तरीका बदल चुका है। अब जनता-जर्नादन का जनादेश मायने नहीं रखता। अब जिसके पास बल और पैसा है वह सत्ता में रहेगा। पिछले साल कर्नाटक में राजनीति का एक अलग ही रंग देखने को मिला था और अब वहीं रंग मध्य प्रदेश की राजनीति में देखने को मिल रहा है। मंगलवार रात को एमपी की सियासत में भूचाल आ गया , जब कांग्रेस ने अपने विधायकों के बंधक बनाने का भाजपा पर आरोप लगाया।
राजनीतिक पंडितों के अनुसार यह राजनीति का संक्रमण काल है। इस दौर में राजनीतिक में न तो शुचिता की जगह है और न विचारों की। यह जोड़-तोड़ की राजनीति का समय है।
मध्य प्रदेश की सियासत मंगलवार से उफान पर है। अभी जो यहां राजनीतिक हालात हैं उससे हार्स ट्रेडिंग की आशंकाएं बढऩे लगी है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने उसके विधासकों को 25 से 35 करोड़ रुपये का लालच दे रही है और विधायकों को बंधक बनाए हुए है।
कांग्रेस ने ऐसा आरोप पहली बार नहीं लगाया है। कमलनाथ के सरकार में आने के बाद से कई बार कांग्रेस बीजेपी पर उनके विधायक तोडऩे का आरोप लगा चुकी है। फिलहाल अभी मध्य प्रदेश मे जो राजनीतिक घटनाक्रम है वह कांग्रेस की चिंता बढ़ाने वाली है।
पहले ऐसी खबर आ रही थी कि कुल आठ विधायक जिनमें कांग्रेस के चार और चार निर्दलीय विधायक हरियाणा के गुरुग्राम स्थित एक होटल में ठहरे हुए हैं। हालांकि अब सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस के आठ विधायक गायब हैं। मतलब कुल 12 विधायक कांग्रेस की चिंता बढ़ा रहे हैं।
फिलहाल मध्य प्रदेश की सियासत कर्नाटक की राह पर बढ़ रहा है। जिस तरह पिछले साल कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों को बीजेपी ने अपने पाले में कर कुमारस्वामी की सरकार को गिरा दिया था, वैसे ही पटकथा अब मध्य प्रदेश में लिखी जा रही है। हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठï नेता दिग्विजय सिंह ने दावा किया है कि उनके छह विधायक वापस लौट आए हैं।
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गुरुग्राम के 5 स्टार होटल में जो विधायक ठहरे हुए हैं, उनमें बिसाहूलाल, हरदीपसिंह डंग, बैजनाथ कुशवाहा, सुरेन्द्र सिंह शेरा, रामबाई और संजीव कुशवाहा शामिल हैं। वहीं चार अन्य कांग्रेसी विधायकों को बेंगलुरु में ठहराया गया है। राजनीतिक सरगर्मी के बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह दिल्ली में मौजूद हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिग्विजय सिंह और उनके मंत्री पुत्र जयवर्धन सिंह भी विधायकों से मिलने हरियाणा के होटल पहुंचे। मुख्यमंत्री कमलनाथ के भी दिल्ली पहुंचने की संभावना है। वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, अरविंद भदौरिया, संजय पाठक समेत कई बड़े बीजेपी नेता राज्य से बाहर हैं। वहीं कुछ बीजेपी नेता दिल्ली में भी कैंप कर रहे हैं।
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने बताया, ”पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भूपेन्द्र सिंह और रामपाल सिंह सहित अन्य बीजेपी नेता साजिश के तहत आठ विधायकों को हरियाणा के एक होटल में जबरन ले गए हैं। विधायकों ने हमें बताया कि बीजेपी नेताओं द्वारा उन्हें जबरन वहां ले जाया गया।”
पटवारी ने कहा कि हम उन्हें वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं। उनमें से चार विधायक वापस भी आ गए हैं, लेकिन आदिवासी विधायक बिसाहूलाल सिंह को जबरन उठा लिया गया है।
कांग्रेस ने बुलाई आपात बैठक
कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में सियासी उठापटक , दिल्ली हिंसा और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के कार्यालय पर तोडफ़ोड़ को लेकर पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में सभी लोकसभा सांसदों की एक तत्काल बैठक बुलाई गई है। सूत्रों के मुताबिक मध्य प्रदेश में मची राजनीतिक हलचल को लेकर पार्टी कोई बड़ा कदम उठा सकती है।
मध्य प्रदेश को लेकर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि खरीद-फरोख्त के जरिए भाजपा मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार को गिराना चाहती है। मौजूदा हालात बता रहे हैं कि मध्य प्रदेश की स्थिति कर्नाटक जैसी हो रही है, जहां दूसरे दलों से आए नेताओं की वजह से भाजपा ने कांग्रेस-जेडीएस की सरकार गिरा दी थी और राज्य में भगवा पार्टी की सरकार बनी।
इस बीच खबर ये है कि दिग्विजय सिंह मानेसर के आईटीसी होटल पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार को कोई खतरा नहीं है।