न्यूज डेस्क
ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल विवादों में घिर गई हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने स्टाफ से दुर्व्यवहार किया है।
अपने ऊपर लग रहे स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार के आरोपों को गृह मंत्री प्रीति पटेल ने गलत बताया है। वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने उनका समर्थन किया है। उत्तरी लंदन में एक कार्यक्रम के दौरान पीएम जॉनसन ने कहा कि उन्हें पटेल पर ‘पूरा भरोसा’ है।
जॉनसन ने कहा, “मुझे लगता है कि वह शानदार गृह मंत्री हैं। जो कोई गृह मंत्री रहा हो, वह बता सकता है कि यह सरकार के सबसे मुश्किल पदों में से एक है। ”
प्रधानमंत्री जॉनसन ने यह भी कहा कि वो ‘सिविल सर्विस के लोगों और उनके काम का पूरा सम्मान’ करते हैं।
29 फरवरी को गृह मंत्रालय के सबसे वरिष्ठ अधिकारी सर फिलिप रटनम ने इस्तीफा दे दिया था। उनका कहना था कि उनके खिलाफ ‘विद्वेषपूर्ण और योजनाबद्ध’ अभियान चलाया जा रहा था।
बीबीसी के अनुसार प्रीति पटेल के व्यवहार को लेकर एक औपचारिक शिकायत उस समय हुई थी जब वह रोजगार मंत्री थीं।
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क्या आरोप है गृहमंत्री पर
सर फिलिप ने 29 फरवरी को जारी बयान में कहा था उन्हें पटेल द्वारा कर्मचारियों से ‘बदजबानी करने, उन्हें नीचा दिखाने और अनुचित मांगें रखने’ जैसे आरोपों का पता चला था। उनका कहना है कि वह इस्तीफा देने के लिए मजबूर किए जाने को लेकर गृह मंत्रालय के खिलाफ कानूनी कदम उठाने का इरादा रखते हैं।
बीबीसी के अनुसार पटेल के व्यवहार को लेकर उस समय एक औपचारिक शिकायत दर्ज करवाई गई थी जब वह डिपार्टमेंट फॉर वर्क एंड पेंशंस में इम्प्लॉयमेंट मिनिस्टर थीं। शिकायत में क्या लिखा था और इस पर क्या कार्रवाई हुई, यह जानकारी उपलब्ध नहीं है।
माना जा रहा है कि यह शिकायत उनके प्राइवेट ऑफिस के किसी सदस्य ने की थी। प्राइवेट ऑफिस में छह से आठ नौकरशाह होते हैं जो मंत्री के साथ काम करते हैं।
प्रीति पटेल की प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी शिकायत के बारे में मालूम नहीं है। उन्होंने किसी दावे को खारिज नहीं किया मगर कहा कि वह निजी विषयों पर बात नहीं करेंगी।
बीबीसी के मुताबिक सूत्रों का कहना है कि पटेल ने नौकरशाहों की क्षमता पर सवाल खड़े करके और उनके प्रदर्शन को खराब बताकर उनके लिए ‘प्रतिकूलऔर नाख़ुशी भरा’ वातावरण बना दिया था।
वरिष्ठ नौकरशाहों के संगठन के प्रमुख डेविड पेनमन ने कहा, “प्रीति पटेल जबसे गृह मंत्रालय में हैं, तबसे उनके खिलाफ कोई औपचारिक शिकायत नहीं करवाई गई मगर ध्यान देने की बात है कि मंत्रियों के खिलाफ शिकायत करने की कोई औपचारिक नीति नहीं है। न कोई कोड है, न प्रक्रिया और न पारदर्शिता।”
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