Thursday - 31 October 2024 - 12:50 AM

विदेशी मीडिया ने कहा- दिल्ली जल रही थी और मोदी…


न्यूज डेस्क

24-25 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप भारत की राजधानी दिल्ली में थे और इस दौरान दिल्ली सुलग रही थी। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में उपद्रवियों ने तांडव मचाया और दिल्ली पुलिस तमाशबीन बनी रही। विदेशी मीडिया ने ट्रंप के भारत यात्रा के साथ-साथ दिल्ली हिंसा पर कड़ी टिप्पणी की है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के भारत दौरे ने मीडिया में खूब सुर्खिया बटोरी। भारतीय मीडिया ने ट्रंप की यात्रा को खूब जगह दी, लेकिन विदेशी मीडिया ने ट्रंप के साथ-साथ दिल्ली के हालात पर भी कड़ी टिप्पणी की है।

दिल्ली हिंसा के दौरान ट्रंप के आधिकारिक दौरे पर सबसे कड़ी टिप्पणी अमेरिकी न्यूज वेबसाइट वाइस ने की है। वाइस में लिखे लेख का शीर्षक था- ‘ट्रंप के दौरे पर पीएम मोदी पार्टी दे रहे थे और नई दिल्ली जल रही थी।’ 

वाइस ने ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने दिल्ली हिंसा और नागरिकता संशोधन कानून पर मचे घमासान पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।

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दूसरी ओर वॉशिंगटन पोस्ट ने दोनों नेताओं की दोस्ती का मुद्दा उठाते हुए लिखा कि ट्रंप ऐसे किसी भी मामले में नहीं उलझे जिसे प्रधानमंत्री मोदी की बुराई के तौर पर देखा जा सके।

अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है कि भारत की राजधानी में हुई हिंसा और तनाव से न तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रभावित दिखे और न ही राष्ट्रपति ट्रंप । दोनों नेता भारत में साइट विजिट और बैठकों में व्यस्त दिखे। न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है – दिल्ली के एक हिस्से में मोदी की बांटने वाली नीतियों से संघर्ष छिड़ा था।

न्यूयॉर्क टाइम्स में लिखे लेख के शीर्षक ‘नई दिल्ली की गलियां हिंदू-मुस्लिमों के संघर्ष क्षेत्र में बदलीं’  में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी की हिंदू-फर्स्ट पॉलिसी के चलते राजधानी में हालात दंगे और दो गुटों की लड़ाई जैसे हो गए।

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एक अन्य लेख में न्यूयॉर्क टाइम्स की तरफ से लिखा गया, “हैदराबाद हाउस के हरे गार्डन में राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी ने अपनी दोस्ती का जश्न मनाया और आधुनिक, विभिन्नता और एकता वाले भारत की बात की। दूसरी तरफ मोदी की बांटने वाली नीतियों की वजह से धार्मिक संघर्ष चल रहा था, जिसमें लाशों की झड़ी लग गई। ट्रंप के ठहरने की जगह से कुछ ही दूर गर्म मिजाज हिंदुओं की भीड़ लोहे की रॉड लेकर अपने मुस्लिम पड़ोसियों का सड़कों पर शिकार कर रहे थे।”

दोस्त मोदी नाराज न हों, इसलिए संवेदनशील मुद्दों पर नहीं घिरे ट्रंप

वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा, “ट्रंप ने धार्मिक स्वतंत्रता पर मेहनत करने के लिए मोदी की तारीफ की और सीएए पर कुछ भी बोलने से इनकार किया। ट्रंप पहले भी कई बार मोदी को अपना बेहतरीन दोस्त बता चुके हैं। वे व्यापार को छोड़कर ऐसे किसी भी मुद्दे नहीं घिरे, जिसे मोदी या उनकी सरकार की आलोचना से जोड़ा जा सके। मोदी सरकार पिछले कुछ महीनों से हिंदुओं का वर्चस्व कायम करने वाले एजेंडा को बढ़ाने में जुटी है।

ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने भी टिप्पणी करते हुए कहा, ‘ट्रंप का दौरा खतरनाक प्रदर्शनों की वजह से कमजोर पड़ा। वहीं जर्मनी के डर स्पीगल अखबार ने कहा, “बाहर दिखावा चला, अंदर प्रदर्शन।”

फ्रांस की न्यूज एजेंसी एएफपी ने कहा, “भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए रेड कार्पेट बिछाकर कई दिखावे वाली चीजें पेश कीं, लेकिन दिल्ली के संघर्ष ने उस धार्मिक तनाव को सामने ला दिया, जिसे बढ़ावा देने का आरोप ट्रंप के दोस्त (मोदी) पर लगता है।”

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