न्यूज डेस्क
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी उज्जवला योजना उत्तराखंड में फ्लाप साबित हो रही है। यहां इस योजना के लाभार्थियों में से 99 प्रतिशत लोगों ने दोबारा सिलेंडर नहीं भरवाया है।
उत्तराखंड में 13 जिलों में से कुल 3.72 लाख परिवारों को उज्ज्वला स्कीम के तहत मुफ्त एलपीजी कनेक्शन दिए गए हैं। इसमें से महज 3,500 परिवार ही ऐसे रहे हैं, जिन्होंने दोबारा सिलेंडर भरवाया।
इस पर राज्य के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन देने का मकसद है कि उनका जीवन आसान बन सके। हम इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए आज भी तत्पर हैं। दरअसल सिलेंडर न भरवाने की बड़ी वजह है एलपीजी सिलेंडरों की कीमतों में बड़ा इजाफा होना। इसके चलते उज्ज्वला स्कीम के लाभार्थियों को भी सिलेंडर की खरीद के वक्त ज्यादा रकम देनी होती है। इसके बाद सब्सिडी वाली रकम बैंक खाते में आती है। मौके पर ज्यादा रकम चुकाने में सक्षम न होने के चलते ऐसी स्थिति पैदा हो रही है।
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और क्या है वजह
उत्तराखंड में उज्ज्वला स्कीम सफल न होने के पीछे कई वजह है। सबसे बड़ा कारण हैं एलपीजी सिलेंडरों की बढ़ी कीमतें तो दूसरा ग्रामीण इलाकों में गैस एजेंसियों की कमी। पहाड़ी इलाकों में घर होने की वजह से डिलिवरी की व्यवस्था न होने जैसी समस्याएं भी बड़ा कारण है।
दिसंबर 2019 में हुए भारत के वन सर्वे के मुताबिक उत्तराखंड के लोग अब भी हर साल 4,076 टन लड़की का इस्तेमाल कुकिंग समेत तमाम कामों के लिए जलाने में करते हैं। वहीं सिलेंडर न लेने का कारण बताते हुए टिहरी जिले में रहने वाली उज्ज्वला स्कीम की लाभार्थी सुनंदा का कहना है कि सिलेंडर की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। अब दाम 900 रुपये के करीब हैं। हमारे पास इतने पैसे नहीं होते कि सिलेंडर भरवा सकें। सरकार को इस इजाफे को वापस लेना चाहिए।’
गौरतलब है कि पिछले ही सप्ताह गैर-सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडरों की कीमत में 144.5 रुपये का इजाफा हुआ था। इसके साथ ही सरकार की ओर से सब्सिडी में भी बढ़ोतरी की गई है। सब्सिडी लेने वाले आम उपभोक्ताओं को अब 153.86 रुपये की बजाय 291.48 रुपये की छूट मिल रही है।
एक तरफ उत्तराखंड में उज्ज्वला स्कीम कामयाब होती नहीं दिख रही है, वहीं पड़ोसी राज्य हिमाचल 100 फीसदी एलपीजी कवरेज वाला देश का पहला स्टेट बन गया है। राज्य में हर घर तक एलपीजी की सुविधा पहुंचाने के लिए केंद्र की उज्ज्वला स्कीम के अलावा सूबे की जयराम ठाकुर सरकार ने 2018 में हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना लॉन्च की थी।
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