अविनाश भदौरिया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोमवार को दो दिन के भारतीय दौरे पर आने वाले हैं। ट्रंप के साथ उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप, बेटी इवांका ट्रंप और दामाद जेरेड कुशनेर भी होंगे। 24 फरवरी को गुजरात के अहमदाबाद में ट्रम्प के स्वागत में एक मेगा कार्यक्रम होने वाला है। इस कार्यक्रम का नाम ‘नमस्ते ट्रम्प’ रखा गया है, नमस्ते ट्रम्प से पहले कार्यक्रम का नाम ‘केम छो ट्रम्प’ रखा गया था। गुजराती में केम छो का मतलब होता है- आप कैसे हैं।
फिलहाल अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प तो ठीक-ठाक ही होंगे क्योंकि वह दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र के प्रमुख हैं लेकिन आज एक तस्वीर सामने आने के बाद मन में विचार आया कि हमारे हुक्मरानों को ‘केम छो ट्रम्प’ की बजाय ‘केम छो संगीता’ पूछना चाहिए जोकि वो पूछना जरुरी नहीं समझते।
आपको बता दें कि संगीता एक महिला पुलिस कांस्टेबल है जोकि ट्रम्प के कार्यक्रम में ड्यूटी निभा रही है। साथ में उनका एक साल का बेटा भी है जो बीमार है। संगीता जहां ड्यूटी कर रही है वहीं उसने साड़ी का एक झूला बनाया हुआ है जिसमे उसका बीमार शिशु आराम कर रहा है। इस तस्वीर के सामने आने के बाद गुजरात सरकार से लोग सवाल पूछ रहे हैं कि, एक महिला के अधिकारों और उसको डिलीवरी के दौरान मिलने वाली छूट का क्या ? संगीता कैसे जी रही है और कैसी है उसका हाल क्यों नहीं जानने की कोशिश की जा रही।
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हम मानते हैं कि अंतराष्ट्रीय सम्बन्धों और देश के भले के लिए बड़े लोगों के लिए मेगा शो का आयोजन जरुरी है लेकिन उससे पहले देश की जनता का ख्याल रखना भी जरुरी है। सरकार कहती है की वो महिलाओं को वो तमाम सुविधा देगी, जिससे वे नौकरी के साथ साथ अपने मां का भी कर्तव्य निभा सकें। लेकिन तस्वीर में इस नन्ही जान को देखिए जो अपनी मां के साथ ड्यूटी कर रहा है, जिसकी उम्र महज़ 1 साल है।
संगीता ने बताया कि मुझे आदेश मिला कि 19 फरवरी की रात अहमदाबाद के रायचंदनगर पहुंच जाओ। मेरा बेटा एक साल का है। जो अभी स्तनपान करता है। उसकी आंखों में इंफेक्शन होने के कारण उसकी आंख नहीं खुल पा रही है। शनिवार को मैंने उसे साकेज गांव में अपने एक रिश्तेदार के घर रखा था और 24 कि।मी। दूर यहां ड्यूटी कर रही हूं। रिश्तेदार के यहां मेरा बेटा दिन भर रोता रहा। इसलिए आज उसे यहां ले आई।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रम्प के कार्यक्रम के लिए वडोदरा से 500 जवानों की व्यवस्था का आदेश दिया गया था। अहमदाबाद भेजे जाने वालों में गोरवा पुलिस थाने से संगीता परमार का भी नाम था। जब उसने पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों से गुहार लगाई कि उनका एक साल का बेटा ध्रुव है। जो स्तनपान करता है, उसकी आंख में इंफेक्शन है। इसके बाद भी अधिकारी नहीं पसीजे और उसे अहमदाबाद के रायचंदनगर में तैनात रहने को कहा गया। संगीता ने वहां पहुंचकर बच्चे के लिए साड़ी से झूला बनाया और ड्यूटी करने लगी। वह 19 फरवरी से वहीं है। फिलहाल संगीता अपनी ड्यूटी ख़ुशी-ख़ुशी निभा रही है लेकिन वायरल हुई तस्वीर सरकार के मुंह में तमाचा है।
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