न्यूज डेस्क
देशद्रोह कानून पर उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक के इतिहासकार बेटे ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंडित जवाहरलाल नेहरू की ही गलती दोहरा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के बाह विधानसभा क्षेत्र की भाजपा एमएलए रानी पक्षालिका सिंह के इतिहासकार बेटे त्रिपुरदमन सिंह ने देशद्रोह कानून पर कहा कि पीएम मोदी भी 69 साल बाद देशद्रोह कानून का समर्थन कर पूर्व पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू की ही गलती दोहरा रहे हैं।
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उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनाव 2019 से पहले केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि यदि सत्ता में मोदी सरकार दोबारा आती है तो राजद्रोह कानून को और सख्त बनाया जाएगा, लेकिन मुझे लगता है कि यह ‘गलती’ साबित होगी।
इतिहासकार त्रिपुरदमन सिंह ने हफिंगटन पोस्ट इंडिया को दिए इंटरव्यू के दौरान ये बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि संविधान सभा ने 1950 में संविधान के मूल संस्करण में ब्रिटिश-युग के देशद्रोह कानून को शामिल नहीं किया था, लेकिन अगले साल ही नेहरू सरकार ने संविधान में संशोधन कर राजद्रोह को संविधान में शामिल करवा लिया था।
सिंह की किताब ’16 स्टॉर्मी डेज’ में 1951 में नाटकीय रूप से उन 16 दिन की अवधि की कहानी का जिक्र किया गया जब नेहरू ने व्यक्तिगत रूप से इस संशोधन को पारित करवाया था।
त्रिपुरदमन सिंह ने कहा ‘वे देशद्रोह के लिए अधिक कठोर कानून बनाना चाह रहे हैं, लेकिन क्या यह संवैधानिक सिद्धांतों के निर्धारित मानकों को पूरा करेगा। मेरा मानना है कि ऐसी स्थिति में यह स्पष्ट रूप से सुप्रीम कोर्ट को देखना होगा। उन्हें इसके लिए संविधान में संशोधन न करके भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में संशोधन करना होगा, जो कि आप जानते हैं संवैधानिक संशोधन से काफी आसान प्रक्रिया है। अगर वे अधिक कठोर राजद्रोह कानून बनाने पर विचार कर रहे हैं तो मुझे लगता है कि यह एक गलती होगी।’
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