न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। एटीएम कार्ड और क्रैडिट कार्ड का इस्तेमाल करते समय ओटीपी आपको झंझट लगता है, तो आपके लिए अच्छी खबर है। रोजाना पेमैंट के मामले में ओटीपी यानी वन टाइम पासवर्ड के झंझट से अब मुक्ति मिल सकती है।
ग्लोबल नेटवर्क प्रोवाइडर ‘वीजा’ टू फैक्टर ऑथैंटीफिकेशन (2एफ.ए.) हटाने की तैयारी कर रही है। यानी आपके लिए आसानी होगी और रोजाना के लेन-देन समय ओटीपी का झंझट भी खत्म होगा।
‘वीजा’ ओटीपी की जगह रिस्क पर आधारित प्रॉम्प्ट प्रोसैस अपनाने पर विचार कर रही है। यानी जहां किसी तरह की संदिग्धता नजर आएगी, वहां ओटीपी प्रोसैस का इस्तेमाल किया जाएगा। इस प्रोसैस के लिए ‘वीजा’ डोमैस्टिक रैगुलेटर्स और बैंकिंग पार्टनर्स के साथ चर्चा करेगी।
चर्चा के बाद यह तय किया जाएगा कि 2एफ.ए. नियमों में किस तरह से धीरे- धीरे ढील दी जा सकती है। कम्पनी चाहती है कि इंटरनैशनल नियमों को ध्यान में रखते हुए ट्रांजैक्शन से जुड़े बदलाव किए जाएं। यह जानकारी कम्पनी के एक शीर्ष अधिकारी ने दी है।
ग्राहकों को बढ़िया अनुभव देने की कोशिश
कम्पनी ने एशिया- पैसेफिक मार्केट्स के लिए अपने सिक्योरिटी रोडमैप के तहत इस बारे में चर्चा की। वीजा के एशिया- पैसेफिक के हैड ऑफ रिस्क ने कहा, ‘हमारा मानना है कि 2एफ.ए. जरूरी है लेकिन हमें लगता है कि इसका इस्तेमाल जोखिम आधारित होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हमारी इंडस्ट्री की असल ग्रोथ ई-कॉमर्स स्पेस से हो रही है, ऐसे में ग्राहकों को बढ़िया अनुभव देने के लिए हमें कुछ बदलाव करने की जरूरत है।’
क्या है 2एफए
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर डेबिट या क्रेडिट कार्ड से ट्रांजैक्शन में सुरक्षा की 2 परतें होती हैं। इसे टू फैक्टर ऑथैंटीकेशन कहते हैं। पहली लेयर में ग्राहक से कार्ड की डिटेल और सीवीवी आदि लेकर ट्रांजैक्शन को मंजूरी दी जाती है और दूसरी लेयर में ओटीपी देने के लिए कहा जाता है, जो कस्टमर के मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है। वीजा कम्पनी का मानना है कि सभी ट्रांजैक्शन्स में इसकी जरूरत नहीं है।