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श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण की उल्टी गिनती के साथ ही वर्षो से टेंट में विराजमान रामलला के लिए फाइबर का वैकल्पिक गर्भगृह भी तैयार होगा। इसे अधिगृहीत परिसर स्थित रामचरितमानस भवन के दक्षिण दिशा में स्थापित किया जाएगा।
रामलला के अस्थाई मंदिर इसके लिए विशेषज्ञों ने मौजूदा गर्भगृह और सिंहासन की नाप-जोख कर ली है। कवायद के पीछे कोशिश है कि जब तक भव्य मंदिर का निर्माण चले, रामलला के लिए अपेक्षित सुविधा-सहूलियत उपलब्ध होती रहे और पूजा-अर्चन में भी कोई व्यवधान न आए।
रामलला का मौजूदा गर्भगृह 35 गुना 25 फीट में है। जिस सिंहासन पर चारों भाइयों सहित रामलला विराजमान हैं, वह तकरीबन पांच गुना चार फीट का है। अब इसी माप के अनुरूप वैकल्पिक गर्भगृह बनेगा। यह पूरा परिक्षेत्र प्रस्तावित मंदिर के मुख्य ढांचे से अलग है।
जानकारी के मुताबिक इस अस्थाई मंदिर का खाका तैयार हो चुका है और गर्भ गृह से करीब 150 मीटर की दूरी पर मानस भवन के करीब मेकशिफ्ट मंदिर बनाया जाएगा। बताया जा रहा है कि यह मंदिर पूरी तरह बुलेटप्रूफ होगा और इसे फाइबर से तैयार किया जाएगा। अस्थाई मंदिर के निर्माण का फैसला हो चुका है लेकिन निर्माण कब से शुरू होगा इसकी तारीख फिलहाल तय नहीं है।
गौरतलब है कि कानून लड़ाई के चलते रामलला करीब 27 वर्ष से टेंट में विराजमान हैं। लिहाजा, अब भव्य मंदिर से पहले उनका वैकल्पिक गर्भगृह भी खास होगा। इसे फाइबर से तैयार किया जाएगा। लकड़ी के मौजूदा सिंहासन के विपरीत वैकल्पिक गर्भगृह में रामलला संगमरमर के सिंहासन पर विराजमान होंगे। रामलला के प्रधान अर्चक आचार्य सत्येंद्रदास ने वैकल्पिक गर्भगृह की माप लेने आए विशेषज्ञों से बात की।
उन्होंने ही सुझाव दिया कि वर्तमान गर्भगृह जिस आकार का है, वैकल्पिक गर्भगृह उसी के अनुरूप रहे ताकि रामलला की पूजा-अर्चना में कोई दिक्कत न आए। तर्क दिया कि वैकल्पिक गर्भगृह में रामलला का साजो-सामान भी सहेजने की जरूरत होगी।
रामलला की वस्तुओं में पूजन सामग्री, तीन संदूक में रखी उनकी पोशाक और बिछावन, रजाई एवं कंबल हैं। मौजूदा गर्भगृह के अनुरूप वैकल्पिक गर्भगृह में चारो भाइयों सहित रामलला एवं हनुमानजी का विग्रह भी स्थापित होगा। हनुमानजी के विग्रह के लिए भी संगमरमर का चबूतरा बनाया जाएगा।
बताते चलें कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक बुधवार को दिल्ली में हुई जिसमें रामलला को टेंट से बाहर लाने का फैसला लगभग हो चुका है और अब उनके विराजने के इंतजाम किए जा रहे हैं। गर्भगृह से बाहर आकर रामलला भव्य मंदिर में दशर्नों के लिए विराजेंगे लेकिन उस मंदिर के निर्माण से पहले एक मेकशिफ्ट मंदिर बनाया जाएगा ताकि आम लोग वहां पूजा-अर्चना कर श्रीराम के दर्शन कर सकें।