न्यूज डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी ने 2019 में हुए आम चुनाव के दौरान राष्ट्रवाद और देशभक्ति को बड़ा मुद्दा बताया था और अपने चुनाव भाषणों में इस शब्द का खुब इस्तेमाल किया था। इसका फायदा भी उन्हें मिला और लोकसभा चुनाव में पार्टी को प्रचंड बहुमत मिला। इसके बाद हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली चुनाव में भी बीजेपी नेताओं ने राष्ट्रवाद के मुद्दे को भुनाने की काफी कोशिश की, लेकिन यहां के नतीजे पार्टी और संघ के मन मुताबिक नहीं आए।
इस बात से चिंतित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने राष्ट्रवाद के मसले पर बड़ा बयान दिया है। मोहन भागवत का कहना है कि राष्ट्रवाद जैसे शब्द में नाज़ी और हिटलर की झलक दिखाई पड़ती है। इससे बचना चाहिए।
दरअसल, झारखंड की राजधानी रांची में RSS प्रमुख मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान मोहन भागवत ने कहा कि RSS का विस्तार देश के लिए है क्योंकि हमारा लक्ष्य भारत को विश्वगुरू बनाना है।
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि राष्ट्रवाद जैसे शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसका मतलब नाज़ी या हिटलर से निकाला जा सकता है, ऐसे में राष्ट्र या राष्ट्रीय जैसे शब्दों को ही प्रमुखता से इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया के सामने इस वक्त ISIS, कट्टरपंथ और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे बड़ी चुनौती हैं।
यहां मोहन भागवत ने कहा कि विकसित देश क्या करते हैं, वो अपने व्यापार को हर देश में फैलाना चाहते हैं। इसके जरिए वो अपनी शर्तों को मनवाना चाहते हैं। RSS प्रमुख ने कहा कि दुनिया के सामने जो बड़ी समस्याएं हैं, उनसे सिर्फ भारत ही निजात दिलवा सकता है ऐसे में हिंदुस्तान को दुनिया का नेतृत्व करने की सोचना चाहिए। देश की एकता ही असली ताकत है, इसका आधार अलग हो सकता है लेकिन मकसद समान ही है।
‘हिंदुत्व के एजेंडे पर आगे बढ़ेगा RSS’
हिंदुत्व के मसले पर RSS प्रमुख बोले कि हिंदू ही एक ऐसा शब्द है जो भारत को दुनिया के सामने सही तरीके से पेश करता है. भले ही देश में कई धर्म हों, लेकिन हर व्यक्ति एक शब्द से जुड़ा है जो हिंदू है। ये शब्द ही देश के कल्चर को दुनिया के सामने दर्शाता है। उन्होंने कहा कि संघ देश में विस्तार के साथ-साथ हिंदुत्व के एजेंडे पर आगे बढ़ता रहेगा जो देश को जोड़ने का काम करेगा।
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