Monday - 28 October 2024 - 11:31 PM

प्रदर्शनकारियों की बात सुनने शाहीन बाग पहुंचे वार्ताकारों, मीडिया को हटाया गया 

न्‍यूज डेस्‍क

सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त मध्यस्थ संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन  टीम के अन्य लोगों के साथ बुधवार को ​दिल्ली के शाहीन बाग प्रदर्शन स्थल पर पहुंच गए हैं। वे प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर उन्हें दूसरी जगह प्रदर्शन करन के लिए मनाएंगे। संजय हेगड़े, वजाहत हबीबुल्लाह और साधना रामचंद्रन ने शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से बातचीत शुरू कर दी है। संजय हेगड़े ने कहा कि, ‘हम आपकी बात सुनने आए हैं’।

 

बता दें कि दक्षिण-पूर्व दिल्ली के शाहीन बाग में 15 दिसंबर 2019 से संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ महिलाओं और बच्चों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है।

संजय हेगड़े ने शाहीन बाग पहुंचने के बाद मीडियाकर्मियों से कहा कि, ‘हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार यहां आए हैं। हम सभी से बात करने की उम्मीद करते हैं। हम हर किसी के सहयोग से मामले को सुलझाने की उम्मीद करते हैं।’

वहीं, साधना ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि अच्छी बातचीत होगी। हम सबसे मिलना चाहेंगे और बात सुनेंगे। हम सभी नागरिक हैं, हम सभी एक दूसरे की बात सुनें और बात करें।’ इस दौरान उन्‍होंने कहा कि सारी बातें मीडिया के सामने नहीं हो सकती हैं।

इसके बाद दोनों वार्ताकारों ने मीडिया से प्रदर्शन स्‍थल से बाहर जाने का अनुरोध किया। उन्‍होंने कहा कि मीडिया को बात करने के बाद सारी जानकारी दी जाएगी।

संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण देश में शरण लेने आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के उन लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी, जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 तक भारत में प्रवेश कर लिया था।

ऐसे सभी लोग भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे। इस कानून के विरोधियों का कहना है कि इसमें सिर्फ गैर मुस्लिमों को ही नागरिकता देने की बात कही गई है, इसलिए यह कानून धार्मिक भेदभाव वाला है, जो कि संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।

नॉर्थ-ईस्ट खासकर असम में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों, आगजनी, कर्फ्यू लगने, इंटरनेट बंद होने के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस बिल पर 12 दिसंबर 2019 को हस्ताक्षर कर दिए। इसके बाद नागरिकता कानून, 1955 में संबंधित संशोधन देश भर में लागू हो गया। सरकार की अधिसूचना के अनुसार गुरुवार को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद देश भर में यह कानून लागू हो गया है।

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