न्यूज डेस्क
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का खौफ है। इस वायरस ने डर का माहौल बना रखा है। फिलहाल अभी तक इसका कोई इलाज सामने नहीं आया है लेकिन सोशल मीडिया पर लोग कोरोना वायरस का इलाज बता रहे है। कोई लहसुन खाने की सलाह दे रहा है तो हैंड ड्रायर का इस्तेमाल करने के लिए बता रहा है। सोशल मीडिया पर इलाज को लेकर फैलाए जा रहे अफवाहों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सफाई दी है।
कोरोना वायरस दुनिया के अलग-अलग देशों में करीब 66 हजार से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (who) ने इस वायरस से बचने को लेकर एडवाइजरी जारी की है, फिर भी लोग कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर इसके इलाज की विधि शेयर किए जा रहे हैं।
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक खबर के मुताबिक डब्लूएचओ ने इन गलत जानकारियों पर विराम लगाने के लिए कोरोना वायरस से जुड़़े कई मिथकों के बारे में बात की।
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सोशल मीडिया पर ऐसी अफवाह उड़ाई जा रही है कि 30 सेकेंड्स तक हैंड ड्रायर से निकलने वाली गर्म हवा के नीचे हाथ रख लेने से वायरस छूमंतर हो जाएंगे। हालांकि, डब्लूएचओ के अनुसार इस बात में कोई भी सच्चाई नहीं है। उसके अनुसार, इस वायरस से बचाव के लिए हो सके तो हाथों को अल्कोहल आधारित हैंडवाश से बार-बार धुलें।
वहीं सोशल मीडिया पर ऐसे मैसेज भी शेयर किया जा रहा है कि माउथवाश के इस्तेमाल से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है।
इस दावे में भी कोई सच्चाई नहीं है। वहीं, कई लोग इस वायरस से बचने के लिए अल्कोहल और क्लोरीन का छिड़काव भी कर रहे हैं, लेकिन ऐसा करने से वायरस तो नहीं ही मरते हैं बल्कि आपके कपड़ों और शरीर के लिए भी हानिकारक हो सकता है।
वहीं लहसुन को लेकर भी दावे किए जा रहे हैं। लहसुन खाना कई बीमारियों में कारगर साबित होता है, लेकिन, कोरोना वायरस से लडऩे में लहसुन असरदायक है इस बात का प्रमाण अब तक नहीं मिला है। इसके अलावा, कई लोग इस वायरस से बचने के लिए तिल के तेल का इस्तेमाल कर रहे हैं पर डब्लूएचओ की ओर से जारी वैसे पदार्थ की सूची जो कोरोना वायरस से बचाव में सक्षम हैं, उसमें तिल के तेल को शामिल नहीं किया गया है।
विश्व स्वास्थ्य रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस अभी नया है और इसके इलाज के लिए नए टीके की जरूरत है। ऐसे में निमोनिया से लडऩे वाले टीके कोरोना वायरस से बचाव में फायदेमंद नहीं हैं। वहीं, एंटीबायोटिक्स खाने से भी आप इस वायरस से नहीं बच सकते। एंटीबायोटिक्स बैक्टीरिया ले लडऩे में प्रभावी होते हैं न कि वायरस से।
हालांकि अब तक ऐसा कोई भी प्रमाण नहीं मिला है जिससे ये साबित हो सके कि कुत्ते-बिल्ली जैसे पालतू जानवरों से कोरोना वायरस का खतरा है। हालांकि, लोगों को अपने पालतू जानवरों के संपर्क में आने के बाद हाथों को अच्छे से धो लेने की सलाह दी जाती है। वहीं, चीन से आया कोई पैकेज या लेटर के इस्तेमाल से जरूरी नहीं है कि आप भी कोरोना वायरस के शिकार हो जाएं।
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