न्यूज डेस्क
राज्यसभा के एक सुरक्षा अधिकारी ने सपने में नहीं सोचा होगा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे मे अपमानजनक पोस्ट शेयर करना उसे कितना भारी पड़ेगा।
राज्यसभा के उप निदेशक (सुरक्षा) उरजुल हसन को सोशल मीडिया पर मोदी के बारे में ‘अपमानजनक’ टिप्पणी पोस्ट की थी। अब सुरक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए हसन का रैंक कम कर (पदावनत) दिया गया है।
राज्यसभा सचिवालय द्वारा 12 फरवरी को जारी आदेश में उरजुल हसन को राजनीतिक तटस्थता बरकरार नहीं रख पाने और नियमों का पालन करने में नाकाम रहने के कारण पदावनत किया गया है।
उरजुल हसन के खिलाफ इस मामले में दर्ज शिकायत के आधार पर की गयी प्राथमिक जांच के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था।
शिकायत में आरोप था कि हसन ने सोशल मीडिया पर राजनीतिक गतिविधियों से जुड़ी कई पोस्ट साझा किया है।
राज्यसभा सचिवालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक सभापति एम वेंकैसा नायडू ने नियमों के तहत कार्रवाई करते हुये हसन का रैंक पांच साल के लिए कम कर कनिष्ठ श्रेणी (लोअर ग्रेड) के सुरक्षा अधिकारी करने का निर्देश दिया है। इस अवधि उन्हें वेतन में सालाना बढ़ोतरी के लाभ से वंचित रखा जायेगा।
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हसन पर पीएम मोदी के अलावा कुछ केंद्रीय मंत्रियों और राज्यों के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ भी सोशल मीडिया पर ‘अपमानजनकÓ टिप्पणियां करने का भी आरोप है। इस मामले में हसन के खिलाफ राज्यसभा सेवा नियम 1957 और केन्द्रीय लोक सेवा (आचरण)
नियमों के तहत कार्रवाई की गई है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, हसन की पदावनति 10 फरवरी से प्रभाव में आ गई। वह पिछले नौ या 10 महीने से अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए निलंबित थे।
सूत्रों के अनुसार तमिलनाडु विधायक से जुड़े 2018 के एक मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि सोशल मीडिया पर फॉरवर्ड किए गए किसी भी पोस्ट का मतलब होता है कि व्यक्ति उसके साथ सहमत है या उसका समर्थन करता है। अदालत ने कहा था, ‘जो कहा जाता है वह महत्वपूर्ण है, लेकिन जिसने कहा वह और भी महत्वपूर्ण है। लोग बोलने वाले व्यक्ति की स्थिति से प्रभावित होते हैं।’
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