न्यूज डेस्क
कुछ महीने पहले ऐसी चर्चा हुई थी कि सरकार सोशल मीडिया के हो रहे दुरूपयोग को देखते हुए यूजर्स की प्रोफाइल का आधार से लिंक करायेगी। फिलहाल सरकार ऐसा नहीं करने जा रही है। केंद्र सरकार ने कहा है कि सोशल मीडिया यूजर्स के प्रोफाइल को आधार से जोडऩे का कोई प्रस्ताव नहीं है।
लोकसभा में गौरव गोगोई, सुनील बाबू राव मेंढे और कुछ अन्य सांसदों के पूरक प्रश्नों के उत्तर में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह जानकारी दी। प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने के लिए कई उपाय किए गए हैं।
इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सत्ता पक्ष से कहा कि सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर सदन में चर्चा कराई जाए। इस पर रविशंकर प्रसाद और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने सहमति जताई।
बीते दिनों जामिया मिलिया इस्लामिया में गोलीबारी करने वाले किशोर के फेसबुक पोस्ट से जुड़े पूरक प्रश्न पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जो मामला पुलिस की जांच के दायरे में है, उस पर वे कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते।
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गौरतलब है कि सोशल मीडिया अकाउंट को आधार कार्ड से लिंक करने पर बीते कुछ समय से बहस हो रही है। कुछ समय पहले इसकी मांग करती एक याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। बीजेपी नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से दाखिल इस याचिका में कहा गया था कि आधार से सोशल मीडिया अकाउंट्स जोड़े जाने से डुप्लीकेट, फेक और घोस्ट अकाउंट पर लगाम कसी जा सकेगी। शीर्ष अदालत का कहना था कि सरकार इसके लिए दिशा-निर्देश लेकर आए।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में यह भी कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी वैश्विक स्तर की एक बड़ी समस्या बन गई है और सरकार इससे सख्ती से निपट रही है। उनके मुताबिक सरकार ने इसको लेकर कई कदम उठाए हैं।
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