न्यूज डेस्क
देश की सरकारी तेल कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के लिए खरीददार मिल गया है। रूस की सबसे बड़ी तेल उत्पादक सरकारी कंपनी रोजनेफ्ट ने भारत पेट्रोलियम खरीदने की इच्छा जताई है।
मालूम हो कि कंद्रीय कैबिनेट ने नवंबर, 2019 में ही भारत पेट्रोलियम की हिस्सेदारी बेचे जाने की मंजूरी दी थी। इसके बाद हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई थी कि जल्दी ही कंपनी की हिस्सेदारी बेचने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट जारी किया जाएगा, जिसके जरिए कंपनियों को बोली के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
इसी कड़ी में 5 फरवरी को रोजनेफ्ट के सीईओ इगोर सेचिन ने अपने प्लान के साथ पट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की। सरकार का भारत पेट्रोलियम की हिस्सेदारी बेचकर 60,000 करोड़ रुपये जुटाने का अनुमान है।
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मालूम हो गुजरात के जामनगर में स्थित देश की दूसरी सबसे बड़ी प्राइवेट ऑयल रिफाइनरी में रोजनेफ्ट की पहले से ही बड़ी हिस्सेदारी है। यदि रोजनेफ्ट भारत पेट्रोलियम खरीदने में कामयाब हो जाता है तो भारत के तेल मार्केट में रूसी कंपनी की बड़ी भूमिका हो जाएगी। दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल मार्केट भारत में रूसी कंपनी की योजना तेजी से अपने पैर पसारने की है।
मोदी सरकार की निजीकरण की योजना का सबसे अहम हिस्सा बीपीसीएल का प्राइवेटाइजेशन भी है। केंद्र सरकार इस कंपनी में अपनी 53 फीसदी की पूरी हिस्सेदारी को बेचने जा रही है।
इस मामले पर नजर रखने वाले जानकारों के मुताबिक सेचिन ने सबसे पहले प्रधान से नाश्ते के वक्त मुलाकात की। इसके बाद एक बार फिर से वह अपने पूरे डेलिगेशन के साथ मिले। इस बातचीत के दौरान सेचिन ने भारत पेट्रोलियम में निवेश करने की इच्छा जाहिर की।
वहीं एक सरकारी अधिकारी ने अनुसार भारत पेट्रोलियम की हिस्सेदारी के लिए सऊदी अरब की तेल कंपनी अरामको, यूएई की ADNOC के बोली से जुडऩे की उम्मीद है।
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